Chinese Imports: अमेरिका ने चीन से आयात किए जाने वाले सामानों पर भारी टैक्स लगाने का फैसला किया है. इस सामानों में बैटरी, ईवी, स्टील, सौर सेल और एल्यूमीनियम समेत कई चीनी प्रोडक्ट्स शामिल है. इसके साथ ही चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100 प्रतिशत शुल्क, सेमीकंडक्टर पर 50 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषण की गई है. हालांकि बाइडेन सरकार के इस फैसले से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ सकता है.
चीन के साथ निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा
जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिकी श्रमिकों को अनुचित व्यापार प्रथाओं से रोका न जाए और देश अपनी इच्छानुसार किसी भी प्रकार की कार की खरीदारी जारी रख सके. उन्होंने कहा कि ‘मैं चीन के साथ निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा चाहता हूं, संघर्ष नहीं. हम चीन के खिलाफ 21वीं सदी की आर्थिक प्रतिस्पर्धा जीतने के लिए अन्य की अपेक्षा अधिक मजबूत स्थिति में हैं क्योंकि हम फिर से अमेरिका में निवेश कर रहे हैं.’
भारत को हो सकता है फायदा
इसी बीच आर्थिक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध बढ़ने के कारण चीन को भारतीय बाजारों में माल डंप करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, जिसे लेकर वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा डारेक्टोरेट जनरल आफ ट्रेड रेमेडीज (डीजीटीआर) को सतर्क रहना होगा.
दरअसल, अमेरिका ने चीन से आयात वस्तुओं पर टैरिफ वृद्धि की घोषणा करके उसके साथ व्यापार युद्ध को फिर से शुरू कर दिया. बता दें कि अमेरिका और यूरोपीय संघ चीन पर निर्भरता कम करने के लिए सक्रिय कदम उठा रहे हैं.
भारत के साथ व्यापार बढ़ाएगा अमेरिका
GTRI ने बताया कि अमेरिका की ओर से ईवी, बैटरी और कई अन्य नई प्रौद्योगिकी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने से चीन को इन उत्पादों को भारत समेत अन्य बाजारों में खपाने के मजबूर होना पड़ सकता है. चीनी फेस मास्क, सीरिंज और सुई, मेडिकल दस्ताने और प्राकृतिक ग्रेफाइट पर उच्च शुल्क भारत के लिए एक सुनहरा मौका दे सकता है. ऐसे में इन मांगो वाले प्रोडेक्टों के उत्पादन और निर्यात में तेजी लाकर भारत अमेरिकी बाजार में अपने व्यापार को बढ़ा सकता है.
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