Gautam Adani News: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की एक मासूम बच्ची जिसकी मां बचपन में ही गुजर गई. मां की मौत के बाद पिता सौतेली मां ले आया, तो बच्ची दादा-दादी के पास रहने लगी, जहां अभी वो पढ़ाई कर रही है. बात इतनी ही होती तब भी जिंदगी गुजर बसर की जा सकती थी, लेकिन इस बच्ची का बांया पैर और हाथ दोनों ही बचपन से टेढे़ हो गए और परिवार की हालत ऐसी नहीं कि उसका इलाज कराया जा सके. ऊपर बताई कहानी है लखीमपुर खीरी के कंधरापुर गांव की रहने वाली लवली की. इस मासूम बच्ची की हालत गौतम अडानी से देखी नहीं गई और अब उन्होंने उसकी पूरी मदद करने का ऐलान किया है.
अडानी ने सुना लवली के बचपन का दर्द
लवली का दर्द सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक रिपोर्टर की रिपोर्ट के माध्यम से लोगों तक पहुंचा. इसे लेकर जो पोस्ट की गई, उसमें सवाल किया गया ‘कौन सुनेगा दर्द बचपन का…’, इस सवाल का जवाब खुद गौतम अडानी ने दिया है.
अडानी फाउंडेशन कराएगा लवली का इलाज
लवली की पीड़ा को लेकर गौतम अडानी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट लिखा- ” एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है. छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता. अडानी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा की लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके. हम सब लवली के साथ हैं.”देश के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी के इस कदम की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है.
एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है!
छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता।@AdaniFoundation यह सुनिश्चित करेगा की लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके।
हम सब लवली के… https://t.co/0Zes20UOSu pic.twitter.com/StVhUrk7SU
— Gautam Adani (@gautam_adani) May 17, 2024
इसके पहले 4 साल की मासूम के लिए फरिश्ता बने थे गौतम अदाणी
इसके पहले भी गौतम अदाणी उत्तर प्रदेश में रहने वाली एक 4 साल की मासूम बेटी के लिए फरिश्ता बने थे. उनकी पहल पर 4 साल की मनुश्री के दिल के छेद का पीजीआई में इलाज हुआ था.
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