Washington: इस समय भारत में लोकतंत्र का महापर्व यानी लोकसभा चुनाव चल रहा है. इस बीच अमेरिका ने भारत के लोकतंत्र को लेकर बड़ा बयान दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए भारत के लोगों की प्रशंसा की. अमेरिका ने कहा कि दुनिया में भारत जैसे जीवंत लोकतंत्र बहुत कम हैं.
बता दें कि शुक्रवार को वॉशिंगटन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा कि विश्व में ऐसे देश अधिक नहीं है जहां भारत से अधिक जीवंत लोकतंत्र हो. हम मताधिकार का इस्तेमाल करने और सरकार चुनने के लिए भारतीयों की प्रशंसा करते हैं. हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं.’
‘भारत और अमेरिका के संबंध हुए मजबूत’
दरअसल, प्रेस कॉन्फ्रेंस जॉन किर्बी से भारत में जारी लोकसभा चुनावों को लेकर सवाल किया गया था, जिनके तहत 96 करोड़ 90 लाख से अधिक लोग 2,660 पंजीकृत राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करने वाले हजारों प्रत्याशियों में से 545 सांसदों का चुनाव करने के लिए 10 लाख पोलिंग बूथ पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब देते हुए कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के विशेष रूप से पिछले 3 साल के दौरान पीएम मोदी के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत हुए हैं.
‘हम PM मोदी के नेतृत्व के बहुत आभारी हैं’
जॉन किर्बी ने आगे कहा कि भारत के साथ हमारे संबंध काफी करीबी हैं जो लगातार और घनिष्ठ हो रहे हैं. यह बहुत जीवंत, बहुत सक्रिय भागीदारी है और हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के बहुत आभारी हैं. जब राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी से पूछा गया कि क्या राष्ट्रपति जो बाइडेन का मानना है कि भारत और जापान विदेशी नागरिकों से द्वेष करने वाले देश हैं, तो उन्होंने ‘न’ में जवाब देते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने जब इस संबंध में बयान दिया था तब वह एक व्यापक बिंदु पर बात रहे थे. उन्होंने कहा कि मेरा मतलब है कि राष्ट्रपति यहां अमेरिका में हमारे अपने लोकतंत्र की जीवंतता, इसकी समावेशिता और भागीदारी को लेकर एक विस्तृत बात रख रहे थे.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत और जापान पर कहा क्या था?
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि आप जानते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था के मजबूत होने का एक वजह आप और कई अन्य लोग हैं. क्यों? क्योंकि हम प्रवासियों का स्वागत करते हैं, इसके बारे में सोचिए. चीन आर्थिक तौर पर इतनी बुरी तरह ठहर सा क्यों रहा है, जापान को क्यों परेशानी हो रही है, रूस को क्यों परेशानी हो रही है, भारत को क्यों परेशानी हो रही है? क्योंकि उन्हें विदेशियों से द्वेष हैं. वे प्रवासियों को नहीं चाहते है.