Russia Army Safety Shoes: भारत का सबसे पिछड़ा राज्य बिहार धीरे-धीरे विकास की तरफ अपने कदम बढ़ा रहा है. विकास की रफ्तार पकड़ता बिहार न सिर्फ देश बल्कि अंतराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी जगह बना रहा है. बिहार की राजधानी पटना के बाद दूसरा सबसे तेजी से विकसित होने वाला शहर हाजीपुर बनता जा रहा है. यहां की एक जूता कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी जगह बना ली है. हाजीपुर में रुसी सेना के लिए भी जूते तैयार किए जा रहे हैं.
बिहार के लिए बड़ी कामयाबी
दरअसल, बिहार के हाजीपुर की एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, कंपीटेंस एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (Competence Exports Private Limited) ने अपनी जूता कंपनी साल 2018 में शुरू की थी. कंपनी के जनरल मैनेजर शिव कुमार रॉय ने बताया कि पिछले साल 15 लाख जोड़े जूते रूसी सेना ने खरीदे थे, जिसकी कीमत 100 करोड़ रुपये है. अब उनका लक्ष्य अगले साल इसे 50 प्रतिशत तक बढ़ाना है. अंतराराष्ट्रीय बाजार में जगह बनाना और रुसी सेना के लिए जूते बनाना बिहार के लिए एक बड़ी कामयाबी है.
70 प्रतिशत महिलाएं करती हैं काम
आपको बता दें कि हाजीपुर में रूसी सेना के लिए जूते और यूरोपीय बाजारों के लिए डिजाइनर जूते तैयार किए जा रहे हैं. हाजीपुर की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, कंपीटेंस एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की दूसरी सबसे खास बात यह है कि यहां महिलाओं की संख्या में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है. इस कंपनी के मैनेजर शिव कुमार रॉय के मुताबिक, कंपनी में 70 प्रतिशत महिलाएं काम करती हैं. कंपनी के एमडी दानेश प्रसाद बिहार में एक विश्व स्तरीय फैक्ट्री बनाना चाहते हैं और राज्य के रोजगार में योगदान देना चाहते हैं.
रुसी सेना ने क्यों की इस जूते की डिमांड
कंपनी के मैनेजर शिव कुमार रॉय ने मीडिया से बातचीत के दौरान बतया, हम सेफ्टी जूते बनाते हैं जिन्हें रूस में निर्यात किया जाता है. सेफ्टी जूतों का निर्यात रूस के लिए है, और हम धीरे-धीरे यूरोप पर भी काम कर रहे हैं और जल्द ही घरेलू बाजार में भी लॉन्च करेंगे. रुसी सैनिकों की डिमांड हैं कि जूते हल्के हो, ऐसे हो जो फिसलने वाले न हो और -40 डिग्री सेल्सियस जैसे ठंडे मौसम की स्थिति का सामना कर सकें. हम सभी इन चीजों को ध्यान में रखते हुए जूते बनाते हैं.
#WATCH | Bihar: Competence Exports Private Limited, Hajipur is claiming its place in the international market by manufacturing safety shoes for the Russian army and also producing fashion shoes catering to European markets. pic.twitter.com/au833HaZAo
— ANI (@ANI) May 17, 2024