Pakistan: तोशाखाना मामला, इमरान खान पर अवैध रूप से लेनदेन का आरोप

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Pakistan: पाकिस्तान के पूर्व पीएम और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक इमरान खान की मुश्किलें बढ़ गई है. राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो की एक जांच में उन पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में बताया गया है.

मालूम हो कि इमरान खान और उनकी पत्नी को पहले तोशाखाना मामले में राज्य उपहार भंडार से संबंधित भ्रष्ट आचरण के लिए दोषी ठहराया गया था.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में हैं. अब हाल ही में एक जांच में सामने आया है कि इमरान खान ने अपने कार्यकाल के दौरान राज्य उपहार भंडार से जुड़ी सात घड़ियां अवैध रूप से खरीदीं और बेची.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के प्रमुख, प्रथम महिला या राष्ट्रपति द्वारा 30,000 पीकेआर से अधिक मूल्य वाले किसी भी उपहार को राज्य भंडार में पंजीकृत किया जाना चाहिए.

रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी पिछले तोशखाना मामले में भी दोषी थीं. उन्होंने आभूषण के साथ घड़ी ली और अपने पास रख भी ली. जिसमें एक अंगूठी और एक हार भी रखा था, जबकि इसे डिपॉजिटरी में जमा किया जाना चाहिए था.

यही नहीं, राज्य के उपहारों को कम कीमत पर हासिल किया गया. जांच के दौरान मूल्यांकन में कई विसंगतियां सामने आईं. जिसमें विलासिता की वस्तुओं का मूल्यांकन किसी अनुभवहीन से करवाया गया. जिस कारण यह मूल्यांकन कम रहा.

सबसे ज्यादा विवादास्पद वस्तुओं में से एक ग्रेफ घड़ी सेट था, जिसकी बिक्री को क्रेता का अधिक लाभ देने के लिए जानबूझकर कोशिश की गई. साथ ही घड़ी को इसके रख-रखाव से पहले ही मोहम्मद शफीक को 5,10,00,000 पीकेआर में बेचा गया था. पीकेआर 2,00,00,000 की पूरी रख-रखाव लागत का भुगतान भी शफीक ने प्रोटोकॉल के कर्मचारियों को किया, जबकि शेष राशि उन्हें सौंपी गई.

वहीं, फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यु, उद्योग मंत्रालय और पाकिस्तान जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेडर्स एंड एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन के बाद के आंकलन से पता चला कि उपहारों का मूल्यांकन निजी मूल्यांकनकर्ता के मूल्यांकन से काफी अधिक था.

एनएबी को इमरान खान और बुशरा बीबी के खिलाफ जांच के लिए कहा गया. दोनों व्यक्तियों को अलग-अलग कॉल-अप नोटिस भेजे गए. उन्होंने इसका इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में विरोध किया है. पूर्व पीएम इमरान खान की अपील पर 24 जून और बुशरा बीबी की अपील पर 4 जून को सुनवाई होगी.

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