जयपुरः पिछले वर्ष एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और उसे कोयला भट्टी में जिंदा जलाने के मामले में सोमवार को राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की एक पॉक्सो अदालत ने दो दोषियों को मौत की सजा सुनाई है.
अदालत ने शनिवार को कालू और कान्हा को पिछले साल अगस्त में हुए अपराध के लिए दोषी ठहराया था. सबूत नष्ट करने के सात अन्य आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया था. विशेष लोक अभियोजक महावीर सिंह किशनावत ने कहा कि अदालत ने कालू और कान्हा को मौत की सजा सुनाई है. 7 आरोपियों को बरी किए जाने वाले फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी.
विशेष लोक अभियोजक महावीर सिंह किशनावत के मुताबिक, अभियोजन पक्ष ने 43 गवाहों के बयान पेश किए थे. इनमें से 42 ने साक्ष्य का समर्थन किया था.
मामले में 473 पन्नों का आरोपपत्र दायर किया गया था. पिछले 10 महीने से मामले की सुनवाई चल रही थी. केस की जांच तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक श्याम सुंदर बिश्नोई ने की और एडीजी (अपराध) दिनेश एमएन और अजमेर रेंज आईजी लता मनोज द्वारा निगरानी की गई थी.
कोयला की भट्ठी में मिले थे लड़की के अवशेष
मालूम हो कि पिछले वर्ष 2 अगस्त को मवेशी चराने गई 14 वर्षीय लड़की लापता हो गई थी. दोनों युवकों ने लड़की के साथ दुष्कर्म किया और उसे कोयले की भट्ठी में जिंदा जला दिया था. परिवार और ग्रामीणों ने लड़की को जगह-जगह ढूंढा, बाद में भट्ठी में उसका एक चांदी का कड़ा मिला और फिर उसके अवेशष भी मिले थे.