Pakistan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसान (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान को लंबे अरसे बाद थोड़ी राहत मिली है. सोमवार को पाकिस्तान की एक सत्र अदालत ने जेल में बंद इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई के अन्य नेताओं को दो लॉन्ग मार्च बर्बरता मामले में बरी कर दिया.
ये पीटीआई नेता बरी
सोमवार को अदालत ने फैसला सुनाते हुए इमरान खान के अलावा, पीटीआई नेता जरताज गुल, अली नवाज अवान, फैसल जावेद, शाह महमूद कुरेशी, कासिम सूरी, राजा खुर्रम नवाज, शिरीन मजारी, सैफुल्लाह नियाजी, असद उमर और अवामी मुस्लिम लीग प्रमुख शेख राशिद अहमद को बरी किया है. जिन मामले में इनको बरी किया गया है वो मार्च 2022 के लंबे मार्च से जुड़ा है. इमरान खान और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ कोहसर और कराची कंपनी पुलिस स्टेशनों में केस दर्ज किए गए थे.
राजनीति से प्रेरित मामले
कोर्ट के फैसले के बाद इमरान खान के वकील नईम पंजोथा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पीटीआई संस्थापक के खिलाफ दर्ज मामले राजनीति से प्रेरित थे. लंबे मार्च के दौरान इमरान खान के खिलाफ बर्बरता का कोई सबूत नहीं मिला. इस्लामाबाद प्रशासन ने राजधानी शहर में धारा 144 लागू करने के लिए कोई नोटिफिकेशन जारी ही नहीं की थी. PTI संस्थापक के खिलाफ ऐसे कई केस दर्ज किए गए हैं, अधिकांश में उन्हें बरी भी कर दिया गया है. इमरान खान के अलावा, अन्य पीटीआई नेताओं को भी कोर्ट ने बरी किया है.
तोशाखाना मामले में जेल में हैं इमरान खान
बता दें, पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान तोशाखाना मामले में उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में कैद हैं. दरअसल, पाकिस्तान के कानून के मुताबिक, किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है. यदि राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो कीमत चुकाने के बाद अपने पास रख सकता है. इमरान खान और उनकी पत्नी पर आरोप है कि वे दोनों कार्यकाल के दौरान उपहार को या तो जमा करने में विफल रहे या कथित तौर पर अपने अधिकार का उपयोग करके उपहारों को बेहद कम कीमत पर खरीद लिया था.
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