खुद का क्लोन बना लेता है ये विचित्र जीव, वैज्ञानिक भी देखकर हैरान

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Strange Creatures: इस दुनिया में कई तरह के अनोखे जीव पाए जाते हैं. जमीन से लेकर समुद्र की गहराई तक ऐसे कई जीव हैं जिन्‍हें देख आप हैरान हो जाएंगे. आय दिन वैज्ञानिक भी जीवों की प्रजातियों और संख्‍या को लेकर रिसर्च करते रहते हैं. साथ ही कई तरह के अनुमान भी व्‍यक्‍त करते रहते हैं. एक बार फिर वैज्ञानिकों ने एक अजीबोगरीब जीव की खोज की हैं. वैज्ञानिकों ने एक 155 मिलियन वर्ष पुराना जीव को खोजा है, जो खुद का क्लोन बनाने की क्षमता रखता था. शोधकर्ताओं के मुता‍बिक, यह भंगुर तारे की नई प्रजाति का एकमात्र ज्ञात नमूना है, जिसे ओफियाक्टिस हेक्स नाम दिया गया है.

इस जीव की खोज पर किए गए एक स्‍टडी के मुताबिक, इस जीव की स्टारफिश जैसे छह भुजाएं होती थीं और ये अपने शरीर से खुद का क्लोन (शरीर के भाग तोड़ कर)  बना सकता था. साइंस अलर्ट के मुताबिक  साल 2018 में जर्मनी में चूना पत्थर के भंडार से एक तरह के जीवाश्म की खुदाई की गई थी, जो कभी मूंगा घास के मैदानों और स्पंज बेड से भरा एक गहरा लैगून था.

मिला अजीबोगरीब जीव 

क्लोनिंग करने वाला जीव अपने शरीर के कुछ हिस्सों को तोड़ लेता था, फिर से उनको विकसित करत था. इस प्रक्रिया से वह आनुवंशिक रूप से समान संतान उत्‍पन्‍न कर लेता था. इस प्रक्रिया को विखंडन भी कहते हैं. यूरोपीय देश लक्ज़मबर्ग के म्यूसी नेशनल डी’हिस्टोयर नेचरले के जीवाश्म विज्ञानी डॉ. बेन थ्यू ने इसके बारे में बताते हुए कहा कि  “हालांकि क्लोनल विखंडन के जीव विज्ञान और पारिस्थितिकी के बारे में अच्छी जानकारी है, लेकिन इस प्राणी के विकास और भूवैज्ञानिक इतिहास की खोज के बारे में वस्तुतः कुछ भी ज्ञात नहीं है.” यह खोज अपने आप में बेहद खास है क्योंकि वैज्ञानिकों को पहली बार क्लोनिंग को विकसित होने के सटीक समय के बारे में जानकारी प्राप्‍त नहीं है.

155 साल पुराना है जीवाश्म

155 मिलियन वर्ष पुराने इस जीवाश्म को इतनी अच्छी तरह से संरक्षित किया गया है कि सभी हुक-आकार की बांह की रीढ़ दिखाई देती है. इसका नाम टेरी प्रचेत के डिस्कवर्ल्ड उपन्यासों में से एक में जादुई सुपर कंप्यूटर के नाम पर रखा गया  है, एक ऐसी मशीन है जो अकल्पनीय चीजों के बारे में भी सोचने में सक्षम है.

बेहद दुर्लभ है प्राणी

डॉ. बेन थ्यू और उनकी टीम ने स्‍टडी में कहा, रिप्रोडक्शन की प्रक्रिया में दो भागों में अलग होना और शरीर के मिसिंग पार्ट को दोबारा जिंदा करने की प्रक्रिया की जानकारी तो है, लेकिन, पुनर्जनन के दौरान शरीर के आधे भाग को फ्रीज करने की प्रक्रिया काफी दुर्लभ है. यह सैंपल इस बात का पुख्ता सबूत देता है कि तारे के आकार के इचिनोडर्म्स में क्लोनल विखंडन की गहरी विकासवादी जड़ें हैं और यह जुरासिक के बाद से एक मेजबान पर जीवन और छह गुना समरूपता से जुड़ा हुआ लगता है.

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