World News: अगर आप भी आने वाले समय में कनाडा जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है. दरअसल, कनाडा के प्रांत प्रिंस एडवर्ड आइलैंड में सैकड़ोंं भारतीय छात्र लगातार विरोध कर रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि कनाडा ने इमिग्रेशन पॉलिसी में अचानक बदलाव कर दिया है. नए नियम के अनुसार इमिग्रेशन परमिट में 25 फीसदी तक कटौती करने की तैयारी है. कनाडा में हुए अचानक नियमों में परिवर्तन से भारतीय छात्रों को जबरदस्ती वापस भेजा जा रहा है, जिसका विरोध छात्र कर रहे हैं.
कनाडा में भारतीय छात्र कर रहे विरोध
कनाडा में इमिग्रेशन पॉलिसी में हुए अचानक बदलाव को लेकर छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, छात्रों ने आरोप लगाया कि हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. अगर कनाडाई मीडिया की मानें तो प्रिंस एडवर्ड आइलैंड में अचानक से प्रवासियों की संख्या बढ़ी है. संख्या में इजाफा के कारण यहां की व्यवस्थाएं चौपट हो गई हैं. ऐसे में सरकार का मानना है कि यहां पर भीड़ ज्यादा होने के कारण आवासीय और स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी असर पड़ रहा है. इसी बात का ध्यान रखते हुए कनाडा सरकार ने यह फैसला किया है.
अगर हम लेबर डिपार्टमेंट के आंकड़ों पर एक नजर डालें तो इस साल की शुरुआत में देश की वर्किंग एज पॉपुलेशन 411,400 रही है, जो पिछले साल के इसी टाइम पीरियड की तुलना में 47 प्रतिशत ज्यादा है. चूकी कनाडा अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक केंद्र बना हुआ है. कनाडा में रहने वाले अंतररार्ष्टीय छात्रों में सबसे ज्यादा संख्या भारतीय छात्रों की है.
नियमों में बदलाव से परेशान हुए भारतीय छात्र
आपको बता दें कि कनाडा ने इमिग्रेशन पॉलिसी में अचानक बदलाव कर दिया है. नए नियम के अनुसार इमिग्रेशन परमिट में 25 फीसदी तक कटौती करने की तैयारी है. इस घोषणा के बाद भारतीय छात्रों ने हंगामा किया. छात्रों का तर्क है कि उन्हें स्थाई रूप से वहां रहने की अनुमति दी जाए. मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार पीईआई इमिग्रेशन कार्यालय के निदेशक जेफ यंग ने शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों से मुलाकात कर उनकी चिंताएं सुनीं. उन्होंने कहा कि काफी लोगों के लिए यह एक कठिन वक्त है. लेकिन जनसंख्या नियंत्रण हमारा उद्देश्य है.
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