Qamar Cheema Latest Video: इसी महीने भारत और ईरान ने चाबहार पोर्ट संचालन के लिए 10 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए. इस सौदे के बाद ईरान के चाबहार में शाहिद बेहशती पोर्ट टर्मिनल का मैनेजमेंट भारत के हाथों में होगा. इसके जरिए भारत को मध्य पूर्वी देशों के साथ व्यापार बढ़ाने का मौका मिलेगा. भारत और ईरान के इस डील को लेकर पाकिस्तान के अकैडमीशियन डॉ कमर चीमा ने बड़ा दावा किया है. उन्हें लगता है कि भारत पाकिस्तान के कराची बंदरगाह को अप्रासंगिक बना रहा है. हिंदुस्तान अफगानिस्तान और तालिबान को यह ऑफर कर रहा है कि वे कराची पोर्ट के बजाय चाबहार पोर्ट का इस्तेमाल करें. ऐसे में भारत ने अगर मोटा रकम लगाया है तो कुछ सोचकर ही लगाया है.
माइनस होता जा रहा पाकिस्तान
बता दें कि पाकिस्तान को लेकर ये ताजा बातें आज, 24 मई को पाकिस्तानी अकैडमीशियन कमर चीमा यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए खुद के वीडियो में कहते नजर आए. इस दौरान चीमा ने भारत, पाकिस्तान, तालिबान और अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए कई मसलों पर राय जाहिर की.
डॉ कमर चीमा के अनुसार, आज पाकिस्तान कहता है कि अफगानिस्तान की जमीन किसी भी देश (खासकर पाकिस्तान) के खिलाफ भी इस्तेमाल नहीं होनी चाहिए. ऐसे में पाकिस्तान माइनस में होता जा रहा है. चरण दर चरण पाकिस्तान की स्थिति कमजोर होते जा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि अफगानिस्तान और तालिबान ने एक चीज का फैसला किया है और वह यह कि वे सिर्फ और सिर्फ दहशतगर्द जमात तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का सपोर्ट करेंगे. उनका फॉर्मूला साफ है कि वे पाकिस्तान का समर्थन नहीं करेंगे.
भारत ने खुद की सॉफ्ट इमेज बनाई
कमर चीमा ने आगे कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साहब और उनकी सरकार में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर साहब अफगानिस्तान और तालिबान के साथ संबंध को अच्छा बनाने में लगे हैं. आपको याद होगा कि भारत ने वहां दो-तीन अरब डॉलर का इन्वेस्ट कर रखा है. भारत ने खुद की सॉफ्ट इमेज (नरम छवि) बनाई है. सुनने में यह भी आता है कि बहुत सारे अफगानी भारत में है. शायद 30-32 हजार अफगानी रहते हैं और यह संख्या बड़ी है. वहीं पाकिस्तान में यह संख्या लाखों में हैं और वे इसी को घर मानते हैं.
पाक को कर दिया साइडलाइन
पाकिस्तानी अकैडमीशियन ने चीन का जिक्र करते हुए आगे कहा कि अफगानिस्तान में जो मिनरल्स के रूप में संपत्ति है, भारत उसे लेकर यह आशंका जताता है कि कहीं उस पर चीन का कब्जा न हो जाए. असल में मध्य एशिया भारत के लिए अहमियत रखता है. केवल अफगानिस्तान नहीं…बीच में पाकिस्तान रुकावट थी. भारत ने पाकिस्तान को साफ कर दिया; साइडलाइन कर दिया.
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