चीन का रोबोट डॉग करता हैं गोलियों की बौछार, मचा सकता है तबाही
आपने कभी सोचा है जंग के मैदान में अगर इंसान और रोबोट का आमना-सामना हो, तो कौन जीतेगा? आज से 30-40 साल पहले ये सवाल पूछा जाता तो मजाक ही लगता.
21वीं सदी की कल्पना हकीकत बन सकती है. बीते दिनों, कम्बोडिया संग युद्धाभ्यास के दौरान चीनी सेना रोबोट डॉग के साथ नजर आई थी.
रोबोट डॉग की पीठ पर एक ऑटोमेटिक राइफल लगी थी. इसको एक कंट्रोलर की मदद से ऑपरेट किया जा रहा था.
चीनी सरकारी टीवी ने इसका 2 मिनट का वीडियो जारी किया है. वीडियो में रोबोट डॉग को चलते, कूदते और पीछे चलते दिखाया गया है.
इस दौरान रोबोट एक सिमुलेटेड बिल्डिंग में इन्फेंट्री यूनिट का नेतृत्व करते हुए आगे बढ़ाता है. वीडियो में 6 रोटर वाला ड्रोन भी है. इसमें भी ऑटोमेटिक राइफल लगी थी.
हालांकि, रोबोट डॉग्स और ड्रोन का सैन्य इस्तेमाल कोई नया नहीं है. चीन इस दिशा में आगे बढ़ रहा है. पिछले साल भी, राइफलों से लैस इलेक्ट्रॉनिक डॉग्स का प्रदर्शन किया गया था.
लगभग 4 साल पहले अमेरिकी एयरफोर्स भी रोबोट डॉग्स के जरिए खतरा भांपकर उनसे निपटने की तकनीक का प्रदर्शन कर चुकी है.
बता दें, कि ड्रोन्स का इस्तेमाल सर्विलांस में ज्यादा होता था, अटैक के लिए कम. वहीं, रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद से सब बदल गया.
रूस-यूक्रेन युद्ध में बड़े पैमाने पर ड्रोन्स का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन सस्ते और दमदार हथियारों की मदद से टैंक और युद्धपोत जैसी भीमकाय मशीनों को नेस्तनाबूद कर दिया गया.
ड्रोन्स बनाकर दूसरे देशों को बेचने में चीन सबसे आगे है. हालांकि, पिछले साल चीन ने 'राष्ट्रहित और सुरक्षा' का हवाला देते हुए ड्रोन्स के निर्यात पर पाबंदियां लगा दी थी.