पहला लोकसभा चुनाव हारते रहे हैं भोजपुरी सितारे, पुराने रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे पावर स्टार? समझिए समीकरण

Abhinav Tripathi
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Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Bhojpuri Star Pawan Singh: लोकसभा चुनाव 2024 अपने आखिरी पड़ाव में है. 6 चरणों की वोटिंग हो गई है. वहीं. 7वें यानी आखिरी चरण की वोटिंग 1 जून को होगी. इस चरण में बिहार की 8 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होनी है. इन सभी 8 सीटों में सबसे ज्यादा चर्चा रोहतास जिले की काराकाट लोकसभा सीट की है. ये सीट इस चरण में हॉट सीट बनी हुई है. इस सीट पर भाजपा से बागी हुए भोजपुरी स्टार पवन सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.

वहीं, एनडीए की ओर से उपेंद्र कुशवाहा और INDI अलायंस के राजाराम कुशवाहा चुनावी रण में हैं. पवन सिंह को बीजेपी ने पहले पश्चिम बंगाल के आसनसोल से प्रत्याशी बनाया था. हालांकि, बाद में उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया औऱ निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया. पवन सिंह के काराकाट से चुनावी मैदान में आने के बाद यहां का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.

पहला चुनाव हार चुके हैं ये भोजपुरी के स्टार

भोजपुरी स्टार्स का इस चुनाव में काफी दबदबा देखने को मिला है. भोजपुरी के 4 सुपरस्टार इस समय चुनावी मैदान में हैं. हालांकि, इतिहास के पन्नों पर नजर डालें तो कोई भी भोजपुरी स्टार पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ कर जीत नहीं पाया है. ऐसे में सवाल है कि क्या इस रिकॉर्ड को पवन सिंह तोड़ पाएंगे. वर्तमान में भोजपुरी सिनेमा के तीन बड़े स्टार मनोज तिवारी, रवि किशन और दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ अभी भाजपा से सांसद हैं. हालांकि, इस बात पर भी नजर डालनी चाहिए कि इन सभी को अपने पहले चुनाव में हार झेलनी पड़ी थी.

जानकारी दें कि भोजपुरी के सुपरस्टार मनोज तिवारी साल 2009 में सपा के टिकट पर गोरखपुर से चुनावी मैदान में थे. जहां पर वह योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़े और हार गए. इसके बाद बीजेपी ने उनको 2014 और 2019 में पूर्वी दिल्ली से अपना प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत दर्ज की.

अगर बात रविकिशन की करें तो साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान वह कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर से चुनाव लड़े, जहां से उनको हार का सामना करना पड़ा. वहीं, साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान वह गोरखपुर से चुनाव लड़े और जीत गए.

वहीं, निरहुआ ने भाजपा के टिकट पर साल 2019 में आजमगढ़ से चुनाव लड़ा लेकिन हार गया. इसके बाद बाद वह 2022 के उपचुनाव में जीतकर सांसद बना.

पवन सिंह की राह आसान नहीं है…

भोजपुरी इंडस्ट्री में पवन सिंह की पॉपुलरिटी का तोड़ नहीं है. इंडस्ट्री में पवन सिंह को पावर स्टार के तौर पर जाना जाता है. पवन सिंह जब से चुनावी रण में आए हैं, तब से वह क्षेत्र में ताबड़तोड़ चुनावी प्रचार कर रहे हैं. चूकी काराकाट में कुशवाहा वोट के अलावा यादव, राजपूत, ब्राह्मण, वैश्य और भूमिहार वोट बड़ी संख्या में है. पवन सिंह के समर्थन में प्रचार करने के लिए भोजपुरी के तमाम स्टार उतरे हैं.

अगर पवन सिंह राजद के यादव वोटर्स और एनडीए के कोर वोटर्स में सेंध लगाने में सफल होते हैं तो वह यहां से जीत जाएंगे. वहीं. इस चुनाव में यह देखने वाली बात होगी कि भोजपुरी सितारों का पहले लोकसभा चुनाव में हारने का ट्रेंड पवन सिंह बदल पाएंगे या नहीं. ये तो 4 जून को पता चलेगा. हालांकि, एक बात तो तय है कि इस वक्त बिहार की सबसे रोचक सीट बन गई है.

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