Pakistan: पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी की याचिका पर फैसला सुनाने से पाकिस्तान की एक अदालत ने इनकार कर दिया. मालूम हो कि इमरान खान और बुशरा बीबी गैर इस्लामिक विवाह मामले में जेल में बंद हैं. सोचने वाली बात यह है कि न्यायाधीश ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया है.
गैर इस्लामिक विवाह मामले में निचली अदालत ने सुनाई थी सजा
एक निचली अदालत ने इमरान खान और बुशरा बीबी को गैर इस्लामिक विवाह मामले में सात साल की कैद की सजा सुनाई थी. अदालत ने इद्दत के दौरान विवाह करने के आरोप में यह सजा सुनाई थी. मालूम हो कि इस्लाम में इद्दत एक महिला के लिए अपने पति की मृत्यु या तलाक के बाद दूसरा विवाह करने से पहले प्रतीक्षा करने का अनिवार्य समय है. बुशरा बीबी के पूर्व पति खावर मनेका ने दंपति के खिलाफ नवंबर 2023 में निचली अदालत में मामला दायर किया था. मनेका ने आरोप लगाया गया था कि बुशरा ने इद्दत की अनिवार्य प्रतीक्षा अवधि का पालन किए बिना शादी की. उन्होंने इस विवाह को कोर्ट से अमान्य घोषित करने की मांग की थी.
न्यायाधीश ने खुद को इस मामले से किया अलग
इसके बाद इमरान खान और बुशरा बीबी ने इस्लामाबाद जिला एवं सत्र न्यायालय में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी. न्यायाधीश शाहरुख अर्जुमंद ने 23 मई को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब न्यायाधीश ने फैसला सुनाने के बजाय कहा कि मामले को दूसरी अदालत में स्थानांतरित किया जाना चाहिए. इसके साथ ही न्यायाधीश ने खुद को भी इस मामले से अलग कर लिया.
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने इस बात की पुष्टि की है कि शिकायतकर्ता ने न्यायाधीश पर अविश्वास जताया था. इसके बाद न्यायाधीश ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया.