China Desert Rail: चीन के इंजीनियरों ने रेगिस्तान में एक ऐसी रेलवे लाइन का निर्माण किया है, जो पूरी दुनिया को हैरान कर देने वाला है. बता दें कि चीन ने यह रेल लाइन रेगिस्तान में हॉटन से रुओकियांग के बीच दुनिया के सबसे बड़े शिफ्टिंग रेत रेगिस्तान तक्लामाकन में बनी है, जो करीब 825 किलोमीटर लंबा है.
बता दें कि दुनिया की यह पहली रेगिस्तानी लूप लाइन को साल 2022 में शुरू किया गया था. चीन की ये रेगिस्तानी लाइन नई लाइन गोलमुड-कोरला और दक्षिणी झिंजियांग रेल लाइनों को जोड़ती है. इस रेलवे लाइन पर यात्रा के दौरान दोनों तरफ रेत के बड़े बड़े टीले नजर आते हैं, जो हवा के साथ इधर-उधर शिफ्ट होते रहते हैं. रेत के ये टीले निया खंडहर, प्राचीन शहर एंडिल और दूसरे सांस्कृतिक स्थल मार्ग के किनारे दिखाई देते है.
काफी मुश्किल था परिवहन
फिलहाल चीन के इस रेलवे लाइन पर अभी 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ रही हैं. बता दें कि रेगिस्तान में बनी यह रेल लाइन सिंगल पटरी वाली रेलवे लाइन है, जो ऐसे कई शहरों को जोड़ती है, जहां पर परिवहन पहले काफी मुश्किल था.
Is it real? pic.twitter.com/j2PQlMzeO1
— Lt Gen H S Panag(R) (@rwac48) May 28, 2024
निर्जन क्षेत्र में तीन साल मजदूरों ने किया काम
चीनी इंजीनियरों ने बताया कि हॉटन-रुओकियांग रेल लाइन का निर्माण करना इतना आसान नहीं था. कामगारों ने रेत के टीलों, अत्यधिक गर्मी, रेतीले तूफान और जमा देने वाले तापमान का सामना करते हुए 460 किलोमीटर निर्जन क्षेत्र में काम किया. इतना ही नहीं, इन इलाकों में आज भी पानी, बिजली और सेलफोन नेटवर्क नहीं है.
आठ मालगाड़ियों से ढोया जा रहा सामान
दरअसल, चीन के इस क्षेत्र में रेगिस्तान न होने की वजह से परिवहन बहुत कठिन था. यहां के स्थानीय लोगों को शिनजियांग से बाहर जाने के लिए तियानशान पर्वत को पार करना पड़ता था. वहीं, इस रेल लाइन के निर्माण के बाद हर दिन आठ मालगाड़ियां शिनजियांग से कपास, अखरोट, लाल खजूर और खनिजों को लेकर चीन के बड़े शहरों तक पहुंचाती हैं. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि इस रेल नेटवर्क ने रेगिस्तान में जीवन ला दी है.
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