इस्लामाबादः गुरुवार को पाकिस्तान की एक अदालत ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 9 मई की हिंसा से संबंधित दो मामलों में उनके खिलाफ ‘अपर्याप्त सबूत’ का हवाला देते हुए बरी कर दिया. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक खान के समर्थकों ने पिछले वर्ष कथित भ्रष्टाचार मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठानों सहित सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाया था.
पीटीआई संस्थापक के खिलाफ शहजाद टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज दो मामलों को चुनौती देने वाली याचिका को इस्लामाबाद के जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायिक मजिस्ट्रेट उमर शब्बीर ने मंजूरी दे दी.
सबूतों के अभाव में बरी हुए पूर्व पीएम
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक इमरान खान को बरी करते हुए अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत अपर्याप्त सबूतों के कारण पीटीआई संस्थापक को बरी कर दिया गया है.
15 मई को खान को 9 मई की बर्बरता से जुड़े दो मामलों में बरी कर दिया गया था. न्यायिक मजिस्ट्रेट साहिब बिलाल ने पूर्व पीएम की याचिका को मंजूरी देते हुए उन्हें बरी करने का आदेश जारी किया. खान के खिलाफ दोनों मामले इस्लामाबाद के खन्ना पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए थे. पीटीआई संस्थापक के खिलाफ लॉन्ग मार्च और अनुच्छेद 144 के उल्लंघन के लिए मामले दर्ज किए गए थे.