एग्जिट पोल किसे कहते हैं? ओपिनियन पोल से कैसे होता है अलग, कब किया जाता है जारी

Abhinav Tripathi
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Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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What is Exit Poll: देश में हो रहे लोकसभा चुनाव कल यानी 1 जून को समाप्त हो जाएंगे. अंतिम चरण का मतदान कल समाप्त हो जाएगा. मतदान समाप्त होने के साथ ही सभी टीवी चैनल और डिजिटल मीडिया पर एग्जिट पोल जारी होंगे. चुनावी परिणाम जारी होने से पहले ये एग्जिट पोल बताते हैं कि देश में किसकी सरकार बन सकती है. हालांकि, कई एग्जिट पोल फेल हो जाते हैं और कुछ एग्जिट पोल सटीक साबित हो जाते हैं. हर चुनाव से पहले तमाम न्यूज चैनल और एजेंसियां मिलकर एग्जिट पोल का सर्वे करती हैं.

साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल सटीक साबित हुए थे. इन सब के बीच आइए आपको बताते हैं आखिर एग्जिट पोल क्या होता है और ये ओपिनियन पोल से कैसे अलग होता है…

एग्जिट पोल क्या होता है?

एग्जिट पोल एक अंग्रेजी शब्द है, एग्जिट पोल एक तरीके से चुनावी सर्वे है. ये सर्वे उस वक्त किया जाता है जिस समय मतदान होता है. न्यूज चैनल और एग्जिट पोल करने वाली एजेंसियों के प्रतिनिधि हर चरण के दौरान कुछ मतदान केंद्रों पर उपस्थित रहते हैं और मतदाताओं से कुछ सवाल करते हैं. उनके जवाब के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की जाती है. इस रिपोर्ट के आंकलन के दौरान पता चलता है कि आखिर मतदाताओं का रूझान किस ओर है. एग्जिट पोल की खास बात है कि इसमें केवल मतदाताओं को ही शामिल किया जाता है.

कब जारी होता है एग्जिट पोल?

नियमावली के अनुसार चुनावी कार्यक्रम की घोषणा के बाद कोई भी पोल या सर्वे जारी नहीं किया जा सकता है. चुनाव आयोग की नियमावली के अनुसार वोटिंग समाप्त होने के कुछ घंटे बाद ही एग्जिट पोल को जारी किया जा सकता है.

ऐसा इसलिए क्योंकि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 126 ए के तहत अंतिम चरण की वोटिंग खत्म होने के आधे घंटे बाद तक एग्जिट पोल जारी करने पर रोक है. अगर इन नियमों का उल्लंघन करते हुए कोई पाया जाता है तो उसको दो साल की कैद या फिर जुर्माना से दंडित किया जा सकता है.

ज्ञात हो कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पहली बार साल 1998 में एग्जिट पोल को लेकर गाइडलाइंस जारी की गई थी. साल 2010 में 6 राष्ट्रीय और 18 क्षेत्रीय दलों के समर्थन के बाद धारा 126 ए के तहत मतदान के दौरान सिर्फ एग्जिट पोल जारी करने पर रोक लगाई गई थी. हालांकि, चुनाव आयोग का कहना था कि ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल दोनों पर रोक लगे. नियमावली के अनुसार एग्जिट पोल जारी करते वक्त सर्वे एजेंसी का नाम, कितने मतदाताओं से और क्या सवाल पूछे, यह बताने का भी निर्देश है

ओपिनियन पोल क्या होता है?

वहीं, अक्सर कई लोग एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल में अंतर नहीं समझ पाते हैं. आपको बता दें कि ओपिनियन पोल भी एक प्रकार का सर्वे है, जो चुनाव से पहले किया जाता है. इस सर्वे में कोई आवश्यक नहीं है कि केवल मतदाताओं से सवाल किया जाए. इस सर्वे में विभिन्न प्रकार के मुद्दों के आधार पर जनता के मूड का अनुमान लगाया जाता है. इस सर्वे में पता लगाया जाता है कि जनता को कौन सी योजना पसंद है या नापसंद है और किस पार्टी से कितना खुश है. इन सब सवालों का जवाब ओपिनियन पोल में पता लगता है.

यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के शोर पर लगा ब्रेक, आखिरी चरण में पीएम मोदी समेत इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

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