Pakistan: पाकिस्तान जासूसी के आरोप में गिरफ्तार दो भारतीय नागरिकों को राजनयिक पहुंच (कंसुलर एक्सेस) प्रदान करने संबंधी जानकारी देने से इनकार कर दिया है. बता दें इन दोनों भारतीय को चार साल पहले पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था. जिन्हें अब मुलाकाल के लिए भारत को कांसुलर एक्सेस दिया गया. फॉरेन ऑफिस स्पोकपर्सन ने सप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान इसकी जानकारी देने से इनकार कर दिया.
राजनयिक पहुंच प्रदान करने संबंधित जानकारी साझा करने के किया मना
शुक्रवार को पाकिस्तान ने गिरफ्तार भारतीय नागरिकों को राजनयिक पहुंच प्रदान करने से संबंधित जानकारी शेयर करने से इनकार कर दिया. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच से वीकली ब्रीफिंग में गिलगित-बाल्टिस्तान में जासूसी के आरोप में अरेस्ट किए गए दो भारतीयों को कथित रूप से राजनयिक पहुंच (कंसुलर एक्सेस) देने संबंधित जानकारी के बारे में पूछा गया था.
बलूच ने कहा कि मैं इसके बारे में ज्यादा जानकारी शेयर नहीं करूंगी. हालांकि, पाकिस्तान सरकार समय-समय पर भारतीय उच्चायोग के लिए उसके नागरिकों तक राजनयिक पहुंच देते रहता है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने इस सप्ताह की शुरुआत में प्रकाशित एक खबर में बताया कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने 2020 में जासूसी के आरोप में अरेस्ट किए गए दो भारतीय नागरिकों को उनके राजनयिकों से मुलाकात की अनुमति दी.
गिलगित-बाल्टिस्तान से हुए थे गिरफ्तार
बता दें कि जम्मू कश्मीर के दो व्यक्तियों को 2020 में जासूसी के आरोप में गिलगित-बाल्टिस्तान में अरेस्ट किया गया था. उनकी पहचान 29 वर्षीय फिरोज अहमद लोन और 24 वर्षीय नूर मुहम्मद वानी के तौर पर की गई है. ये दोनों कश्मीर के गोरेज क्षेत्र के रहने वाले हैं. राजनयिक सूत्रों के मुताबिक, इस्लामाबाद में स्थित भारतीय उच्चायोग के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अदियाला जेल में दोनों कैदियों से मिले थे.
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