तियानमेन दमन की वर्षगांठ पर अमेरिकी सांसद ने चीनी खतरों से किया आगाह, कही बड़ी बात

Raginee Rai
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US News: दुनिया के किसी भी देश में जब सेना की तरफ से दमन चक्र चलता है और उसमें सैकड़ों से हजारों लोग मारे जाते हैं तो वह घटना शासन के अत्याचार के तौर पर इतिहास में दर्ज हो जाती है. चीन के इतिहास में भी ऐसी ही एक दर्दनाक घटना 4 जून 1989 को तियानमेन चौक नरसंहार के रूप में दर्ज है, जिसे जून चौथा के नाम दिया गया है. चीन के तियानमेन चौक पर हुए नरसंहार की बरसी पर अमेरिकी सांसदो ने अपने विचार रखे.

मंगलवार, 4 जून को सांसदों ने कहा कि सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी आज भी उतनी ही निर्दयी और दमनकारी है, जितनी की साल 1989 में थी, जब उसने बीजिंग में शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने वाले छात्रों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए टैंक भेजे थे. वहीं डेमोक्रटिक सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने आगाह किया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने लक्ष्‍यों को पाने के लिए हिंसा का सहारा लेने से भी गुरेज नहीं करते, उनके पूर्वजों ने भी ऐसा ही किया था.

भेज देंगे टैंक

डेमोक्रटिक सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि हमें यह याद रखना चाहिए जब चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग बोलते हैं कि वो विध्वंसकारी और अलगाववादी गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे, तो इसका मतलब वह दुनिया से कह रहे हैं कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी उन टैंकों को फिर से उन लोगों की आवाज दबाने के लिए भेज देगी, जो स्वतंत्रता के लिए खड़े होंगे.

अमेरिका-चीन के बीच गतिरोध

तियानमेन दमन की 35वीं वर्षगांठ पर मंगलवार को आयोजित किए गए कार्यक्रम में इस आंदोलन के पूर्व छात्र नेता और हांगकांग के युवा कार्यकर्ता शामिल हुए. यह कार्यक्रम ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका ने चीन को लेकर अपनी नीति में प्रतिस्पर्धा पर जोर देने की शुरुआत कर दी है. इसका मकसद चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकना है.

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