लाखों खर्च करके करा सकेंगे हर EVM की जांच, छेड़छाड़ के आरोपों का होगा सत्यापन

लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुका है. कुछ प्रत्याशी दूसरे और तीसरे नंबर पर आने पर ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगा रहे हैं. इसलिए वह दोबारा वोटों के सत्यापन की मांग कर रहे हैं. 

इस मामले में चुनाव आयोग ने कहा है कि इसके लिए प्रत्याशियों को प्रक्रिया का पालन करना होगा. प्रत्याशियों को प्रक्रिया एक ईवीएम सेट के लिए 47,200 रुपये का भुगतान करना होगा. 

आपको बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम में मतपत्र इकाई, नियंत्रण इकाई और वीवीपैट भी होता है.

अगर किसी उम्मीदवार को EVM में लगी 'माइक्रोकंट्रोलर चिप' में अगर छेड़छाड़ का सत्यापन कराना है, तो तय राशि का प्रति ईवीएम सेट के लिए भुगतान करना होगा. 

दरअसल, निर्वाचन आयोग ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर 1 जून को "प्रशासनिक एसओपी" जारी कर दिया था. इसे लोकसभा चुनाव की मतगणना से पहले जारी कर दिया गया था.

चुनाव आयोग द्वारा जारी एसओपी के मुताबिक हर ईवीएम की जांच व सत्यापन के लिए 40 हजार रुपये शुल्क होगा और 18 प्रतिशत जीएसटी व ओवरऑल राशि 47,200 होती है. 

आपको बता दें कि नतीजे आने के सात दिन के अंदर ही प्रत्याशी ईवीएम की जांच के लिए एप्लिकेशन डाल पाएंगे. 

दरअसल, 26 अप्रैल को ईवीएम में छेड़छाड़ की बात से देश की शीर्ष अदालत ने साफ इनकार किया और बैलेट पेपर से मतदान कराने की मांग खारिज की. 

ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने सलाह दी कि जो प्रत्याशी ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगा रहे हैं, उनके सामने ईवीएम के सत्यापन का विकल्प खुला है. 

आपको बता दें कि ये प्रत्याशी ईवीएम के सत्यापन के लिए चुनाव आयोग को एक तय राशि देना होगा.