Amaranth Yatra 2024: अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 29 जून से होने जा रही है. अमरनाथ की कुल 52 दिन की यात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी. अमरनाथ की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की सुविधाओं के लिए प्रशासन लगातार लगा हुआ है. इस साल चार धाम में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. इस स्थिति में अमरनाथ श्राइन बोर्ड पहले से सचेत है. इस बार अमरनाथ श्राइन बोर्ड दोगुने श्रद्धालुओं के हिसाब से तैयारी कर रहा है.
29 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है. बोर्ड ने पंजीकरण को लेकर बताया कि अब तक 3 लाख से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण कराया है. बोर्ड ने उम्मीद जताई है कि इस साल अमरनाथ यात्रा में 10 लाख से ज्यादा लोग शामिल हो सकते हैं.
यात्रा को लेकर प्रशासन ने कसी कमर
इस साल होने वाली अमरनाथ यात्रा को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है. अमरनाथ की यात्रा करने वाले यात्रियों के रूकने के लिए तीन स्थान बनाए गए हैं. पहला स्थान बालटाल दूसरा स्थान पहलगाम और अंतिम स्थान जम्मू हैं.
प्रशासन की तरफ से इन तीनों स्थानों पर प्रतिदिन 50-50 हजार लोगों के रूकने की व्यवस्था की गई है. तैयारियो के अनुसार प्रतिदिन जम्मू से 20 हजार लोगों को यात्रा के लिए भेजा जाएगा. जिन यात्रियों को भेजा जाएगा. उनमें 10-10 हजार लोगों को दो रास्तों में बांट दिया जाएगा. जिसका मतलब है कि 10 हजार लोगों को बालटाल रूट पर और बाकियों को पहलगाम रूट पर भेजा जाएगा.
यात्रा के रास्ते में सुविधाओं के लिए 125 लंगर हर रोज लगेंगे. इन लंगर में प्रतिदिन 1.50 लाख लोगों की खाने की व्यवस्था रहेगी. लंगर 17 जून से शुरू हो जाएंगे. रास्तों में ये लंगर कुल 57 स्थानों पर होंगे. इन लंगर के साथ टेंट की भी व्यवस्था है. जहां पर यात्रा में जाने वाले यात्री आराम कर सकते हैं.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बोर्ड ने पहले ही अनुमान जताया है कि इस साल अमरनाथ यात्रा में अधिक श्रद्धालु आ सकते हैं. यात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए प्रशासन ने चिकित्सा संबंधी खास इंतजाम किए हैं. कई जगहों पर परमानेंट अस्पलात बनाए गए हैं. इन अस्पतालों में 1415 स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात किया गया है. वहीं, यात्रा की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. यात्रा की सुरक्षा के लिए सीएपीएफ की 500 कंपनियों के साथ 1.20 लाख जवान तैनात किया जा रहा है.
यह भी पढ़ें: NDA Alliance: TDP और JDU ने बढ़ाई BJP की धुकधुकी! सरकार बनने से पहले की ये डिमांड?