Leader of Opposition: लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद देश में एक बार फिर मोदी जी की सरकार बनने वाली है. शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) संसदीय दल की बैठक में सभी नेताओं ने पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है. इसी के साथ समर्थकों की लिस्ट राष्ट्रपति को सौंपी गई. इसके बाद पीएम मोदी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिले. अब 9 जून यानी कल पीएम नरेंद्र मोदी शपथ ग्रहण करेंगे. ऐेसे में अब सवाल ये उठता है संसद में लीडर ऑफ अपोजिशन कौन होगा? आज हम आपको बताएँगे कि लीडर ऑफ अपोजिशन (एलओपी) कौन होता है और उसको क्या सुविधाएं मिलती हैं.
लीडर ऑफ अपोजिशन
लीडर ऑफ अपोजिशन यानी नेता प्रतिपक्ष विपक्ष में बैठने वाले नेता को कहते हैं. हालांकि जिस पार्टी के पास सदन की कुल सीटों का 10 प्रतिशत सीट होता है, उसी दल के एक सांसद को सहमति से विपक्ष का नेता बनाया जाता है. यदि विपक्ष के किसी भी दल के पास कुल सीटों का 10 प्रतिशत नहीं है तो उस स्थिति में सदन में कोई भी लीडर ऑफ अपोजिशन नहीं होता है, वह पद खाली रहता है.
लीडर ऑफ अपोजिशन की पावर
नेता प्रतिपक्ष कई अहम समितियों जैसे सार्वजनिक लेखा, सार्वजनिक उपक्रम सहित कई समितियों के सदस्य होते हैं. कई संयुक्त संसदीय पैनलों में होने के अलावा नेता प्रतिपक्ष कई सलेक्शन कमेटी का भी हिस्सा होते हैं. जो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसी केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों को चुनते हैं. साथ ही वह केंद्रीय सतर्कता आयोग और केंद्रीय सूचना आयोग जैसे वैधानिक निकायों के प्रमुखों को सेलेक्ट करने वाली कमेटी के भी सदस्य होते हैं.
2014 से ही खाली है पद
बता दें कि 2014 और 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत के साथ सरकार बनाई थी. वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) को 10 प्रतिशत सीट भी नहीं हासिल हुई थी, इस वजह से कोई भी नेता संसद में नेता प्रतिपक्ष नहीं बना.
नेता प्रतिपक्ष को मिलती हैं ये सुविधाएं
बता दें कि लोकसभा में लीडर ऑफ अपोजिशन का पद कैबिनेट मंत्री के बराबर का होता है. यह पद बैठे व्यक्ति को केंद्रीय मंत्री के बराबर सैलरी, भत्ते और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. जानकारी के अनुसार, प्रतिपक्ष को 3,30000 रुपये प्रति माह वेतन मिलता है. इसके अलावा कैबिनेट मंत्री के आवास के जैसा बंगला और ड्राइवर सहित एक कार मिलती है. इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष को लगभग 14 स्टॉफ मिलते हैं, जिसका खर्च सरकार उठाती है. संसद भवन के अलावा भी कई अहम विषयों पर नेता प्रतिपक्ष प्रधानमंत्री के साथ बैठक करते हैं.
ये भी पढ़ें :- हाई अलर्ट पर राजधानी दिल्ली, नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण से पहले इन चीजों पर लगी रोक! बढ़ाई गई सुरक्षा