World News: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने पिछले दिनों बताया है कि उसके एशमोलियन म्यूजियम में एक ऐसी प्रतिमा रखी गई है, जो करीब 500 साल पुरानी है. जानकारी के अनुसार वह प्रतिमा एक हिंदू संत की है. इस संत की प्रतिमा को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी भारत को सौंपेगी. ये मूर्ति करीब 60 सेमी ऊंची है. ये लगभग 60 सेमी ऊंची संत तिरुमंकई अलवर की कांस्य प्रतिमा है.
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार इस मूर्ति के लिए भारतीय उच्चायोग के माध्यम से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सामने दावा किया था. माना जा रहा है कि इस मूर्ति को भारत के किसी मंदिर से लूटा गया रहा होगा.
इस मूर्ति को लेकर एक बयान में बताया गया कि 11 मार्च 2024 को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की काउंसिल ने एशमोलियन म्यूजियम से संत तिरुमंकाई अलवर की 16वीं शताब्दी की कांस्य मूर्ति की वापसी के लिए भारतीय उच्चायोग के दावे का समर्थन किया. यह निर्णय अब अनुमोदन के लिए चैरिटी आयोग को प्रस्तुत किया जाएगा.
कोहिनूर भी मांगता है भारत
ज्ञात हो कि पिछले साल मई के महीने में रानी कंसोर्ट कैमिला ने किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक के समय कोहिनूर हीरे के बिना रानी मैरी का मुकुट पहना था. जानकारी दें कि कोहिनूर विश्व के सबसे बड़े तराशे गए हीरा रत्नों में से एक है, इसे 1849 के दूसरे एंग्लो-सिख युद्ध में जीत के बाद, उत्तर भारत के पंजाब में ईस्ट इंडिया कंपनी ने जब्त कर लिया था.
आपको जानना चाहिए कि कोहिनूर को मरारानी विक्टोरिया को दे दिया गया था, उस वक्त से ही ये कोहिनूर ताज गहनों का हिस्सा है. इसी के साथ टॉवर ऑफ़ लंदन के ज्वेल हाउस में सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रखा गया है.
भारत करता है हीरे का मालिक होने का दावा
हमेशा से भारत इस हीरे का वास्तविक मालिक होने का दावा करता रहा है. साल 1947 में ब्रिटिश साम्रज्य से स्वतंत्रता मिलने के बाद इस हीरे की मांग भारत द्वारा की जाती रही है. हालांकि, ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सरकारों ने भी इस हीरे पर स्वामित्व का दावा किया है.
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