India Maldives Relations: कल यानी रविवार को नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में देश-विदेश की कई बड़ी हस्तियां शामिल हुई थी. इसी क्रम में शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भी भारत आए हैं. शपथ ग्रहण के अगले दिन सोमवार को राष्ट्रपति मुईज्जू कैबिनेट मंत्री एस जयशंकर से दिल्ली में मुलाकात की है.
दरअसल, भारत और मालदीव दोनों देशों में इन दिनोें तनावपूर्ण संबंध चल रहा है. इसके बावजूद मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू को शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया और वे इसमें सम्मिलित होने आए. भारत में एनडीए सरकार के गठन के कुछ ही घंटों बाद दोनों देश अपने संबंधों को सुधारने में लग गए हैं.
मालदीव के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद
प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने भारत आए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से कैबिनेट मंत्री एस जयशंकर ने नई दिल्ली में मुलाकात की है. मुइज्जू से मिलने के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि आज नई दिल्ली में मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात करके बहुत खुशी हुई. भारत और मालदीव के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद है.
Delighted to call on President Dr Mohamed Muizzu of Maldives today in New Delhi.
Look forward to India and Maldives working together closely. @MMuizzu
🇮🇳 🇲🇻 pic.twitter.com/odHJPRK4Ks— Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar) (@DrSJaishankar) June 10, 2024
ऐसे शुरू हुआ विवाद
बता दें कि मालदीव और भारत के संबंध हमेशा से अच्छे रहे हैं. लेकिन हाल ही में पीएम मोदी द्वारा शेयर किए लक्ष्यद्वीप की तस्वीर पर मालदीव ने आपत्तिजनक कमेंट किया. जिसके बाद से भारत के लोगों ने मालदीव का विरोध करना शुरू कर दिया. हालांकि बाद में वहां के विदेश मंत्री ने अपने गलती पर माफी भी मांगी थी. लेकिन मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की छवि भारत विरोधी रही है. मुइज्जों ने अपने प्रचार के दौरान भारत का विरोध करना शुरू कर दिया.
भारत के लिए क्यों जरूरी है मालदीव?
मोहम्मद मुइज्जू ने चुनाव प्रचार के समय मुइज्जू ने ‘इंडिया आउट’ का नारा दिया था. चुनाव जीतने के तुरंत बाद उन्होेंने मालदीव के धरती से भारतीय सैनिकों की मौजूदगी को पूर्ण रूप से खत्म भी कर दिया है. इसके चलते मालदीव और उसकी समुद्री सीमा में चीन का दखल तेजी से बढ़ रहा है. मालदीव से भारत की दूरी भारतीय सेना की हिंद महासागर में पकड़ को कमजोर कर सकती है. जो कहीं ना कहीं भारत के लिए खतरे का संकेत है. इसलिए भारत को मालदीव के साथ संबंध रखना मजबूरी है.
हालांकि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के भारत के साथ वर्तमान रिश्तों को देख कर उम्मीद की जा रही है भारत और मालदीव के रिश्तों में सुधार आएगा. भारत और मालदीव के बीच रिश्तों में सुधार से न सिर्फ भारत को लाभ है, बल्कि उससे कहीं ज्यादा मालदीव को भायता होगा. क्योंकि, मालदीव भारतीय टूरिस्टों की पहली पसंद है. दोनों देशों में शुरू हुए विवाद के चलते भारतीय टूरिस्टों का जाना ना के बराबर हो गया है. जिसका असर मालदीव आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है.
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