Eid Al Adha 2024 Health safety plan: इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार जिल-हिज्जा 8 जून से शुरू हो चुका है. ये इस्लामिक कैलेंडर का आखिरी महीना है. इस महीने को काफी पवित्र माना जाता है. आपको जानना चाहिए कि इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक हज भी इस महीने में किया जाता है और ईद-अल-अजहा जिसे भारत में बकरीद के नाम से भी जाना जाता है. यह त्योहार इसी जिल-हिज्जा के 10वें दिन पड़ता है. इस त्योहार के लिए मुसलमान काफी पहले से ही तैयारियों में लग जाते हैं. इस बार इस त्योहार को लेकर खाड़ी देशों ने एक विशेष प्लान बनाया है.
बकरीद को लेकर यूएई की खास प्लानिंग
दरअसल, बकरीद के दिन मुसलमान हलाल जानवरों की कुर्बानी करते हैं. इस त्योहार को लेकर यूएई यानी संयुक्त अरब अमीरात में दुनिया के कई देशों से कुर्बानी के लिए जानवर आने शुरु हो गए हैं. इन जानवरों की स्वास्थ्य जांच भी की जा रही है. इसके लिए यूएई में खास टीमें तैनात की गई हैं. यूएई में नए नियमों के अनुसार देश के अंदर और बंदरगाहों से आने वाले जानवरों की बाजार में जाने से पहले सेफ्टी जांच करानी होगी.
जांच के लिए विशेषज्ञ तैयार
यूएई के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है कि जानवारों पर निगरानी के लिए महत्वपूर्ण इक्विपमेंट और संसाधनों से लैस विशेषज्ञ कर्मियों को तैनात किया जा रहा है. देश के बंदरगाहों के रास्ते यूएई में आने वाले जानवरों पर भी ये नियम लागू होंगे. इसका पालन सभी को करना होगा. यूएई के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश के बंदरगाह महामारी, संक्रामक और जेनेटिक बीमारियों के खिलाफ रक्षा की पहली लाइन है. मंत्रालय ने पशु डॉक्टरों और लैब तकनीशियनों की संख्या भी बढ़ाई है, और जांच के लिए लैब में पर्याप्त आपूर्ति भी सुनिश्चित की है.
बकरीद से पहले कुर्बानी के लिए आ रहे जानवर
बकरीद को लेकर यूएई के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस साल की शुरुआत से जून तक करीब 592,577 भेड़, बकरी, गाय और ऊंटों ने अलग अलग बंदरगाहों से UAE में एंट्री की है. जानकारी के अनुसार ये आंकड़ा पिछले साल का है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस बार कहीं से भी देश में आने वाले जानवरों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी.
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