What is INSTC: भारत को कोयला भेजने के लिए रूस अब से इंटरनेशल नॉर्थ साउथ कॉरिडोर का इस्तेमाल करेगा. वहीं, मॉस्को ने ईरान के रेलवे का इस्तेमाल करके भारत को कोयला निर्यात करने की अपनी योजना की घोषणा की है. सेंट पीटर्सबर्ग अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच से BRICS परिवहन मंत्रियों की बैठक के दौरान इस बात की घोषणा की गई.
इसको लेकर रूस के राष्ट्रपति के सहायक इगोर लेविटिन ने जानकारी देते हुए बताया कि पहली खेप भारत पहुंचने से पहले ईरान और बंदर अब्बास के रास्ते से होकर गुजरेगी.
ईरान ने कही ये बात
आपको बता दें कि ईरान के सड़क एवं शहरी विकास मंत्री मेहरदाद बजरपाश ने ब्रिक्स देशों के बीच ट्रांसपोर्ट और ट्रांजिट को बढ़ाने की बातों पर जोर दिया. उन्होंने इसके लिए इंटरनेशल नॉर्थ साउथ कॉरिडोर के प्रयोग के महत्व पर भी अपनी बातों को कहा. इससे संबंधित एक मीटिंग के दौरान उन्होंने कहा कि यह कॉरिडोर क्षेत्र में तालमेल को काफी बढ़ावा दे सकता है.
उधर रूस में ईरान के एक राजदूत काजम जलाली के साथ बैठक में लेविटिन ने फिर एक बार कहा कि रूस से कोयला वैगन ईरान और बंदर अब्बास से होते हुए भारत पहुंचेंगे. दोनों पक्षों में इसके सहयोग को लेकर चर्चा की गई है. इसी के साथ दोनों पक्षों में इस योजना को लेकर सहयोग की बात कही गई है. यह प्रोजेक्ट ईरान और रूस के बीच परिवहन संपर्क को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है.
जानिए क्या है INSTC?
दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा भारत, ईरान, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल ढुलाई के लिए जहाज, रेल और सड़क मार्ग का एक 7,200 किमी (4500 मील) लंबा मल्टी मोड नेटवर्क है.
अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा में मुख्य रूप से भारत, ईरान, अजरबैजान और रूसी संघ से माल को जहाज, रेल और सड़क के माध्यम से ले जाना शामिल है. इस कॉरिडोर से मुख्यतः मुंबई, मॉस्को, तेहरान, बाकू, बंदर अब्बास, अस्त्राखान, बंदर अंजली आदि जैसे प्रमुख शहरों के बीच संपर्क बनाकर व्यापार बढ़ाना है.
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