Indian Navy: भारतीय नौसेना का स्वदेशी गुप्त युद्धपोत ‘आईएनएस शिवालिक’ द्विपक्षीय जापान-भारत समुद्री अभ्यास के आठवें संस्करण में भाग लेने के लिए योकोसुका पहुंच गया है. जहां वाइस एडमिरल इटो हिरोशी, कमांडर जेएमएसडीएफ योकोसुका जिला और जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने शिवालिक का गर्मजोशी से स्वागत किया. युद्धपोत के जापान पहुंचने की जानकारी सैन्य अधिकारियों की तरफ से मंगलवार को दी गई.
दरअसल, भारतीय नौसेना का स्वदेशी स्टील्थ फ्रिगेट आइएनएस शिवालिक द्विपक्षीय जापान-भारत समुद्री अभ्यास के लिए जापान के योकोसुका पहुंचा है. नौसेना के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में यह ‘समुद्री अभ्यास’ एक-दूसरे की नौसेना के बारे सीखने का अवसर प्रदान करता है. यह आपसी सहयोग को बढ़ावा देने और हिंद-प्रशांत में समुद्री सुरक्षा के प्रति अपनी सजगता को भी दर्शाता है.”
Indian Naval Ship Shivalik has arrived at Yokosuka, Japan for the 8th edition of Japan-India Maritime Exercise ‘JIMEX 24’. Besides professional interactions, the two Navies will jointly hone their war-fighting skills at sea through complex multi-discipline operations. 🇮🇳 🤝 🇯🇵 pic.twitter.com/1rfChHI6mu
— A. Bharat Bhushan Babu (@SpokespersonMoD) June 11, 2024
गर्मजोशी से हुआ भारतीय युद्धपोत का स्वागत
भारतीय नौसेना के अधिकारियों के मुताबिक, जब आईएनएस शिवालिक जापान के योकोसुका पहुंचा तो वहां उसका गर्मजोशी से स्वागत किया गया. इस स्वागत समारोह के दौरान वाइस एडमिरल इटो हिरोशी, कमांडर जेएमएसडीएफ योकोसुका जिला और जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज मौजूद रहें. जापान-भारत समुद्री अभ्यास के आठवें संस्करण में बंदरगाह और समुद्री दोनों चरण शामिल हैं.
जानिए आईएनएस शिवालिक की खासियत
भारतीय नौसेना की स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस शिवालिक अत्याधुनिक युद्धक पोत है. इसकी गतिविधियों को रडार द्वारा पकड़ना अक्सर कठिन होता है. आईएनएस युद्धपोत बहुआयामी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है. यह युद्धक पोत करीब 143 मीटर लंबा है और 250 नौसैनिकों को एक साथ ले जाने की क्षमता रखता है. आईएनएस शिवालिक 29 समुद्री मील प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकता है. यह हवा, सतह और सतह के नीचे निगरानी करने वाले उपकरणों से लैस है. यही नहीं आईएनएस शिवालिक कल्ब और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों से लैस है.