New Indian Army Chief: कौन हैं नए आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी? जो जानते हैं चीन-पाकिस्तान दोनों का इलाज

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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New Army Chief Lt General Upendra Dwivedi: केंद्र सरकार की तरफ से अगले थल सेनाध्यक्ष के रूप लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को नामित किया गया है. जो जनरल मनोज पांडे के रिटायर होने के बाद उनकी जगह लेंगे. रक्षा मंत्रालय से मिली जानाकरी के मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी 30 जून की दोपहर को सेना प्रमुख का पद संभालेंगे. आइए जानते हैं कौन हैं उपेंद्र द्विदेदी, जिन्हें भारतीय सेना की जिम्मेदारी दी जा रही है.

जानिए कौन हैं नए आर्मी चीफ

दरअसल भारतीय रक्षा मंत्रालय ने वर्तमान सेना उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को अगला सेना प्रमुख बनाने का फैसला लिया है. जो 30 जून को अपना पदभार ग्रहण करेंगे. नए आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी विशिष्ट सेवा मेडल और अतिविशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित हैं. WAR MAP हो या LAC-LOC इन सभी चीजों के ये महारथी हैं. इन्हें भारत चीन सीमा का लंबा अनुभव है.

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को जानिए

शिक्षा

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी नेशनल डिफेंस कॉलेज और US आर्मी वॉर कॉलेज से पढ़ाई की है. उन्होंने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज, महू से भी पढ़ाई पूरी की है. द्विवेदी के पास स्ट्रै़टजिक स्टडी (Strategic studies) और मिलिट्री साइंस दोनों की मास्टर डिग्री है.

अनुभव

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी की पहली तैनाती 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स में हुई थी. करीब 40 साल की यात्रा में लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने विभिन्न कमांड्स को संभालने के साथ विदेशी नियुक्तियों में भी काम किया है. अगर बात करें कमांड में तैनाती की तो वो 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट, असम राइफल्स और 9 कोर की कमान में एक्टिव रह चुके हैं.

इन चीजों के हैं महारथी

लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी के पास चीन और पाकिस्तान की सीमा पर ऑपरेशन का महारथी माना जाता है. उपेन्द्र द्विवेदी को चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं का बेहतर एक्सपीरियंस है. उत्तरी सेना के कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर हमेशा सैन्य अभियानों की योजना बनाने और उन्हें सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए बेहतरीन कौशल दिखाया. इन्हें PVSM (परम विशिष्ट सेवा मेडल), AVSM (अति विशिष्ट सेवा मेडल) और तीन जीओसी-इन-सी कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित किया जा चुका है.

भारत-चीन सीमा का है लंबा अनुभव

उपेन्द्र द्विवेदी डिफेंस पर मास्टर ऑफ फिलॉसफी (M Phil) और स्ट्रैटजिक और मिलिटरी साइंस में दो मास्टर डिग्री होल्डर हैं. इन्हें दुश्मन की चालों को काउंटर करने के लिए नक्शे पर रणनीति बनानी हो या पाकिस्तान सीमा (LOC) और चीन सीमा (LAC) पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देना दोनों काम के महारथी हैं. ये चीन की सीमा पर उपेंद्र द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर में काफी समय तक एंट्री टेररिस्ट ऑपरेशंस को भी अंजाम दिया.

बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने फरवरी 2024 में उप सेनाध्यक्ष का पद संभाला था. वे भारतीय सेना की हर कमान को अत्याधुनिक बनाने और उसे नए-नए हथियारों से लैस करने के अभियान का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को तेजी से आगे बढ़ाया और मेड इन इंडिया मिलिट्री उत्पादों को सेना में शामिल कराने के साथ उनके निर्यात के लिए भी विजन पेश किया.

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