International News: अमेरिका ने एक बार फिर से रूस को लेकर सख्त कदम उठाया है. अमेरिका ने रूस पर लगे प्रतिबंधों को और बढ़ा दिया है. इसी के साथ अब अमेरिका ने रूस पर करीब 300 से ज्यादा प्रतिबंध लगा दिए हैं. इसके पीछे अमेरिका का मकसद मोटे तौर पर चीन, संयुक्त अरब अमीरात और और तुर्की समेत विभिन्न देशों के व्यक्तियों व कंपनियों को रूस की सहायता करने से रोकना है.
अमेरिका ने ये कदम जी7 सम्मेलन से ठीक पहले उठाया है. जी7 सम्मेलन 14 जून से इटली में होने जा रहा है. इस सम्मेलन में यूक्रेन के लिए समर्थन बढ़ाना और रूस की युद्ध मशीनरी को खत्म करना शीर्ष प्राथमिकताएं होंगी.
अमेरिका ने निशाने पर चीनी कंपनियों को लिया
आपको बता दें कि अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों में कई चीनी कंपनियों को भी निशाना बनाया गया है. चीन की वो कंपनियां जो यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस की मदद कर रही हैं, उनको भी अमेरिका ने निशाना बनाया है. रूस और यूक्रेन के बीच जंग की शुरुआत के बाद अमेरिका ने चार हजार रूसी कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाया है. इसका मुख्य मकसद है कि रूस को मिलने वाले धन और हथियारों पर रोक लगाना है.
अमेरिका लगातार रूस के खिलाफ
अमेरिका के विदेश विभाग के आर्थिक प्रतिबंध नीति एवं कार्यान्वयन निदेशक एरन फोर्सबर्ग ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा कि पुतिन एक बहुत ही सक्षम प्रतिद्वंद्वी हैं, जो सहयोगियों को खोजने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि रूस के खिलाफ प्रतिबंध निरंतर चलने वाली प्रक्रिया हैं.
अमेरिका का मुख्य उद्देश्य
विगत बुधवार को लगाए गए प्रतिबंधों में रूस और उसके युद्ध आपूर्तिकर्ताओं के बीच 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक के व्यापार को निशाना बनाया गया है. इन 300 से अधिक नए प्रतिबंधों का मुख्य उद्देश्य चीन, संयुक्त अरब अमीरात और तुर्की समेत विभिन्न देशों के व्यक्तियों व कंपनियों को रूस की सहायता करने से रोकना है.
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