नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में कई आतंकी हमले की घटनाएं हुई है. इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और अन्य अधिकारियों के साथ जम्मू-कश्मीर की स्थिति की समीक्षा की. उन्हें जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा संबंधी स्थिति से अवगत कराया गया. प्रधानमंत्री ने उनसे आतंकवाद रोधी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करने को कहा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी फोन पर बात की और आंतकवाद रोधी अभियानों पर चर्चा की. इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से भी बात की और केंद्र शासित प्रदेश का जायजा लिया.
मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में कई आतंकी हमले हुए हैं. आतंकवादियों ने पिछले चार दिनों में रियासी, कठुआ और डोडा जिलों में चार स्थानों पर हमले किए हैं. इस हमले में दस तीर्थयात्रियों की मौत हुई है. साथ ही सीआरपीएफ का एक जवान भी शहीद हो गया. इसके अलावा, सात सुरक्षा कर्मी और कई अन्य घायल हुए हैं.
अलग-अलग जिलों में सुरक्षा बलों द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया गया है. संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी हो रहे हैं. ऑपरेशन से जुड़े विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि 72 घंटे में तीन हमले, ये एक सोची समझी रणनीति है. पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर, ताजा घुसपैठ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. भले ही बॉर्डर पर सीजफायर लागू है, लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के सदस्य जम्मू-कश्मीर में प्रवेश कर रहे हैं. सेना के सूत्रों ने यह बात मानी है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन में आतंकियों को हर तरह की मदद पहुंचाने वाली ‘ब्लैक शीप’ (काली भेड़) मौजूद हैं. इनके चलते पड़ोसी मुल्क के दहशतगर्द, सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाते हैं. ‘ब्लैक शीप’ की खोज और पहचान के लिए अलग से ऑपरेशन शुरू किया गया है.
पिछले कुछ समय से आतंकियों का फोकस कश्मीर घाटी की बजाए, जम्मू क्षेत्र पर अधिक हो रहा है. रविवार को जम्मू के रियासी में आतंकवादियों ने शिवखोड़ी मंदिर से कटरा जा रहे तीर्थयात्रियों की एक बस को निशाना बनाया था. इस हमले में 10 लोगों की मौत हुई थी, जबकि तीन दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे. सूत्रों का कहना है, एकाएक जम्मू की तरफ आतंकी संगठनों के हमलों में जो तेजी देखी जा रही है, उसके पीछे घुसपैठ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
जम्मू-कश्मीर पुलिस की खुफिया इकाई के सूत्रों का भी यह कहना है कि पाकिस्तान की तरफ से बड़ी घुसपैठ संभवना है. ऐसा भी हो सकता है कि यह घुसपैठ एक ही बार न होकर, छोटे-छोटे अंतराल पर हुई हो. जम्मू-कश्मीर में आतंकियों पर सुरक्षाबलों का शिकंजा कसता जा रहा है. ऐसे में आतंकियों की नई भर्ती में भी काफी गिरावट आ गई है. पाकिस्तान के आतंकी संगठनों को घाटी में नए चेहरे नहीं मिल रहे हैं.