जल्द बज सकता है तृतीय विश्व युद्ध का बिगुल! क्या जर्मनी में शुरू कर दी जंग की तैयारी?
क्या 2 शर्तों को मानने भर से खत्म हो जाएगी रूस-यूक्रेन की जंग. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 14 जून को बयान दिया. उन्होंने कहा रूस ने यूक्रेन में युद्ध खत्म करने के लिए कीव के सामने 2 शर्तें रखी हैं.
पुतिन ने कहा, "यूक्रेन को NATO महत्वाकांक्षाओं को त्यागना होगा और मास्को द्वारा जिन चार प्रांतों पर दावा जताया जाता है उन्हें रूस को सौंपना होगा.
दरअसल, पुतिन ने ये शर्तें स्विट्जरलैंड के एक सम्मेलन की पूर्व संध्या पर रखीं. इसमें रूस को आमंत्रित नहीं किया गया है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार कीव ने इन मांगों को सरेंडर जैसा करार दिया है. इसके फौरन बाद उन्होंने इसे खारिज कर दिया.
रूसी राष्ट्रपति द्वारा रखी ये शर्तें स्पष्ट रूप से मास्को के बढ़ते विश्वास को दर्शाती हैं कि युद्ध में उसकी सेनाओं का पलड़ा भारी है.
पुतिन ने यूक्रेन के विसैन्यीकरण की मांग को दोहराया. उनकी मानें, तो पश्चिमी प्रतिबंधों को खत्म करना भी शांति समझौते का हिस्सा होना चाहिए.
इसको लेकर यूक्रेन ने कहा, शर्तें 'बेतुकी' थीं, वह यूक्रेन को हार स्वीकार करने की पेशकश कर रहे हैं. वह यूक्रेन को कानूनी रूप से अपने क्षेत्रों को रूस को देने की बात कर रहे हैं.'
यूक्रेनी राष्ट्रपति के सलाहकार मिखाइलो पोडोल्याक ने रॉयटर्स से कहा, 'वह यूक्रेन को अपनी भू-राजनीतिक संप्रभुता को त्यागने की पेशकश कर रहे हैं.'
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इटली के एक चैनल से कहा, "पुतिन की टिप्पणी एक अल्टीमेटम जैसा है. इसे स्विस शिखर सम्मेलन से ठीक पहले सावधानीपूर्वक समयबद्ध तरीके से प्रस्तुत किया गया है.
पुतिन को लेकर इशारों में जेलेंस्की ने कहा, 'यह स्पष्ट है कि वह समझते हैं कि शांति शिखर सम्मेलन होगा. स्पष्ट है कि वह समझते हैं कि दुनिया में बहुसंख्यक लोग यूक्रेन और जीवन के पक्ष में हैं.
दरअसल, शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर, हवाई हमले के सायरन, लोगों की हत्या और मिसाइल हमलों के बीच, वह ऐसे बोलते हैं जैसे कि वह किसी तरह का अल्टीमेटम जारी कर रहे हों.'
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने ब्रुसेल्स स्थित NATO हेडक्वार्टर में कहा, 'वह यूक्रेन को यह निर्देश देने की स्थिति में नहीं हैं कि शांति लाने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए.'
पुतिन के भाषण का समय स्पष्ट रूप से स्विस शिखर सम्मेलन को रोकने के लिए चुना गया है. इस सम्मेलन को रूस के बहिष्कार के बावजूद 'शांति सम्मेलन" के रूप में पेश किया गया है.
सम्मेलन के जरिए जेलेंस्की युद्ध को समाप्त करने के लिए कीव की शर्तों के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन का प्रदर्शन करना चाहते थे.
स्विट्जरलैंड में होने वाले वीकेंड शिखर सम्मेलन,में 90 से अधिक देशों और संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे.
पुतिन ने कहा, 'शर्तें बहुत सरल हैं.' उन्होंने पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन में - डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज्जिया क्षेत्रों से यूक्रेनी सैनिकों की पूर्ण वापसी की बात कही.
रूस ने 2022 में अपने इलाके के तौर पर 4 क्षेत्रों पर दावा किया है. यहां उनके सैनिकों का आंशिक नियंत्रण है. जिसे संयुक्त राष्ट्र में अधिकांश देशों ने अवैध करार दिया है.
पुतिन ने कहा, 'जैसे ही वह कीव में घोषित करते हैं कि वह ऐसे निर्णय के लिए तैयार हैं. वह जब इन क्षेत्रों से सैनिकों की वास्तविक वापसी शुरू करेंगे.
साथ ही आधिकारिक तौर पर नाटो में शामिल होने की योजना छोड़ने की घोषणा करेंगे, तब हमारी तरफ से, तुरंत उसी क्षण, संघर्ष विराम और बातचीत शुरू करने का आदेश दिया जाएगा.
रूसी राष्ट्रपति ने कहा, 'मैं दोहराता हूं, हम इसे तुरंत करेंगे. हम यूक्रेनी इकाइयों और संरचनाओं की निर्बाध और सुरक्षित वापसी की गारंटी देंगे.'
वहीं, यूक्रेन की मानें, तो शांति रूसी सेना की पूर्ण वापसी और 1991 के बाद की सोवियत सीमाओं की बहाली पर आधारित होनी चाहिए.