India Maldives Relation: मालदीव में जबसे मुइज्जू की सरकार आई है. तबसे भारत और मालदीव के बीच खटपट चल रही है. मालदीव की मुइज्जू सरकार ने वहां से भारतीय सेनाओं को भी हटा दिया है. वहीं, पाकिस्तान की तरह ही मालदीव अब चीन की गुलामी पर उतर आया है. जो भारत के लिए खतरा हो सकता है. ऐसे में पीएम मोदी ने मालदीव और भारत के बेपटरी हुए रिश्ते को पटरी पर लाने की कवायद तेज कर दी है.
बता दें कि पीएम मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया. वहीं, अब पीएम मोदी ने बकरीद के खास मौके पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को बधाई संदेश भी भेज दिया. अब सवाल ये है कि हाल ही में भारत ने मालदीव का खूब विरोध किया. लेकिन अब इतना मेहरबान क्यों हो रहा है. आइए जानते हैं मालदीव को लेकर क्या है मोदी सरकार की रणनीति…
सत्ता में आते ही मुइज्जू ने किया भारत का विरोध
दरअसल, पिछली साल मालदीव के नए राष्ट्रपति के रूप में मोहम्मद मुइज्जू ने सत्ता की कमान संभाली. मुइज्जू को चीन समर्थक माना जाता है. सत्ता में आते ही मुइज्जू ने भारत विरोधी कई कदम उठाए. मुइज्जू सरकार के मंत्री ने पिछले कुछ महीने पहले पीएम मोदी के लक्ष्यद्विप की फोटो को लेकर टिप्पणी की. जिसका पूरा भारत ने विरोध किया. हालांकि, बाद में मुइज्जू सरकार की तरफ से इस मामले पर माफी भी मांगी गई. लेकिन मुइज्जू ने मालदीव से भारतीय सेना की वापसी की घोषणा कर दी,.
चीन कर रहा तिकड़म
जिसके बाद भारत ने मालदीव से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया. भारतीय सैनिकों के मालदीव से वापसी के बाद चीन भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है. हिंद महासागर में दबदबा बनाने के लिए चीन तमाम तरह के तिकड़म कर रहा है. हाल ही में चीन ने मालदीव के तट पर अपना जासूसी जहाज खड़ा किया था. जिसके बाद खूब बवाल मचा था. हालांकि, मालदीव अबी इस बात को समझ नहीं पा रहा है और चीन के झांसे में आ रहा है.
पीएम मोदी समझ रहें चीन की हर चाल
ज्ञात हो कि भारत का मालदीव से इससे पहले बहुत अच्छा रिश्ता रहा है. लेकिन मुइज्जू चीन की प्रभाव में आकर भारत संग रिश्तों को ताख पर रख रहे हैं. लेकिन यह बात मुइज्जू को अब तक समझ नहीं आई कि आखिर चीन उन पर डोरे क्यों डाल रहा है. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी चीन की हर चाल को समझ रहे हैं. वह जानते हैं कि चीन की साजिश को तभी नाकाम किया जा सकता है जब मालदीव के साथ रिश्ते मजबूत हों. यही वजह है कि पीएम मोदी पड़ोसी देश मालदीव से रिश्ते अच्छे करने के चक्कर में लगे हैं.
पीएम मोदी ने दी मुइज्जू को बधाई
मालदीव के साथ अपने संबंध को स्थापित करने के लिए पीएम मोदी तनावपूर्ण रिश्तों के बावजूद अपने तीसरे शपथ ग्रहण में विशेष आमंत्रण दिया. मुइज्जू भी आए और भारत से बेपटरी हुए रिश्ते को पटरी पर लाने की कोशिश की. जिससे चीन को मिर्ची भी लगी. वहीं, अब पीएम मोदी ने उन्हें बकरीद की बधाई दी है. पीएम मोदी की रणनीति से यह सपष्ट है कि वो पड़ोसी देश से अच्छे रिश्ते चाहते हैं. ताकि चीन की तमाम साजिश को नाकाम किया जा सके.