SIPRI रिपोर्ट में दावा, दुनिया में बढ़ रही एटमी हथियारों की संख्या, रेस में चीन ने पकड़ी रफ्तार

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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China Nuclear Weapons: चीन हमेशा से ही दुनियाभर में अपना दबदबा बनाने की कोशिश करता रहा है. वो लगातार इस प्रयास में रहता है कि हर क्षेत्र में उसकी स्थिति‍ अच्‍छी बनी रहे. वहीं हथियारों और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन एटमी हथियारों (atomic weapons) की रेस में तेजी से आगे बढ़ रहा है.

सोमवार को स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने हथियारों, निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की. सालाना रिपोर्ट ‘SIPRI ईयरबुक 2024’ से पता चला है कि एटमी हथियारों की संख्या और प्रकार में कितनी वृद्धि हुई है. निरस्त्रीकरण के मामले में दुनियाभर के परमाणु हथियारों से संपन्न देश कितना काम कर रहे हैं.

बढ़ती जा रही एटमी हथियारों की संख्या

रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में एटमी हथियारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. एटमी हथियारों से संपन्न दुनिया के 9 देशों (अमेरिका, रूस, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (उत्तर कोरिया) और इजराइल) ने अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण करने का सिलसिला जारी रखा. साल 2023 में कई नए परमाणु-सशस्त्र या परमाणु-सक्षम हथियार प्रणालियों को तैनात भी किया.

पहली बार चीन के कुछ वारहेड्स हाई ऑपरेशनल अलर्ट पर

इंटरनेशनल लेवल पर जनवरी 2024 में 12,121 वारहेड्स में से, करीब 9,585 संभावित उपयोग के लिए सैन्य भंडार में तैनात किए गए थे. इनमें से अनुमानित 3,904 वारहेड्स को मिसाइलों और विमानों के साथ तैनात किया गया था, जोकि जनवरी 2023 के मुकाबले 60 अधिक थे. बाकी वारहेड्स सेंट्रल स्टोरोज में थे. तैनात किए गए करीब 2,100 वारहेड्स को बैलिस्टिक मिसाइलों पर हाई ऑपरेशनल अलर्ट की स्थिति में रखा गया था. इनमें से करीब सभी वारहेड्स अमेरिका या रूस के थे, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ जब चीन के भी कुछ वारहेड्स हाई ऑपरेशनल अलर्ट पर रहे.

आगे भी जारी रहेगी यह रेस…SIPRI डायरेक्टर

SIPRI के डायरेक्टर डैन स्मिथ के अनुसार, शीत युद्ध के दौर के हथियारों को धीरे-धीरे नष्ट किए जाने से एटमी हथियारों की कुल संख्या में गिरावट आ रही है, लेकिन अफसोस साल-दर-साल ऑपरेशनल एटमी हथियारों की संख्या में वृद्धि भी देखने को मिल रही है. स्मिथ ने आगे कहा कि इस प्रवृत्ति के आगे भी जारी रहने की संभावना है और आने वाले सालों में शायद इसमें तेजी आएगी और यह काफी चिंताजनक है.” बता दें कि भारत भी एटमी हथियारों की संख्या बढ़ा रहा है लेकिन इसका आकार सीमित है.

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