Sudan War News: जहां एक तरफ दुनिया इजराइल-हमास और यूक्रेन-रूस के बीच युद्धि को लेकर उलझी हुई है, वहीं दूसरी तरफ सूडान भी गृहयुद्ध में झुलस रहा है. सूडान की राजधानी खारतूम में ऐसी स्थिति हो गई है, जहां लोग गरीबी और अकाल जैसे मानवीय संकट से गुजर रहे हैं. इस युद्ध में अब तक 14,000 लोग अपनी जान गवां चुके हैं. वहीं, 10 मिलियन लोगों को अपने घरों से बेघर होना पड़ा है. सूडान अकाल की कगार पर तेजी से बढ़ रहा है. इसके प्रति अमेरिकी अधिकारियों ने चेतावनी दी है.
हथियारों की सप्लाई लगातार जारी है
अमेरिकी अधिकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि सूडान एक ऐसे अकाल का सामना कर रहा है जो 40 साल पहले इथियोपिया के बाद से दुनिया में सबसे बुरा हो सकता है क्योंकि युद्ध में उलझी सेनाओं के चलते दी जाने वाली सहायता डिलीवरी होने में समस्या आ रही है, लेकिन हथियारों की सप्लाई लगातार जारी है. सूडान दुनिया में सबसे खराब मानवीय संकट से गुजर रहा है और ऐतिहासिक पैमाने पर मानवीय आपदा की ओर बढ़ रहा है, जिसमें मीडिया कवरेज और वैश्विक चिंता बहुत कम है.
दुनिया को तबाही के प्रति जागरूक करने की जरूरत
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि दुनिया को तबाही के प्रति जागरूक करने की जरूरत है. ज्ञात हो कि सूडान में अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज और सेना की बीच गृहयुद्ध छिड़ा हुआ है. अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज एक पैरामिलिट्री समूह है जो अप्रैल 2023 से सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) से लड़ रहा है. दोनों फोर्सेस के जनरल इस लड़ाई में अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं. आरएसएफ के जनरल मोहम्मद हमदान डागलो और एसएएफ के जनरल अब्देल फत्ताह अल-बुरहान वहां के लोगों की जिंदगी की साथ खेल रहे हैं. इन्होंने देश को टुकड़ों में बांट दिया है.
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315 मिलियन डॉलर अमेरिकी सहायता की घोषणा
यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) की प्रमुख सामंथा पावर ने कहा कि इस बात को लेकर चिंता है कि अगर एल फशर शहर आरएसएफ के कब्जे में चला गया तो वहां शरण लिए लोगों का क्या होगा? इस बल को मुख्य रूप से जनजावेद मिलिशिया से भर्ती किया गया है, जिन्होंने 2003 से 2005 के दारफुर नरसंहार में खारतूम सरकार के लिए लड़ते हुए नरसंहार किया था. सामंथा पावर ने शुक्रवार को 315 मिलियन डॉलर की अमेरिकी मानवीय सहायता की घोषणा की. हालांकि, उन्होंने कहा कि अलग-थलग जनता तक बहुत कम सहायता पहुंच रही है. सामंथा पावर ने दोनों सेनाओं पर खाद्य सामग्री को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.