Heat Wave In India: भारत के कई राज्य इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में हैं. मैदान से लेकर पहा़ड़ तक इन दिनों लू से तप रहा है. मौसम विज्ञान विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के राज्यों में भीषण गर्मी के बीच दिल्ली, यूपी, हरियाणा और पंजाब के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. इस बार गर्मी अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दी है. आइए मौसम विभाग से जानते हैं कि क्यों पड़ रही है इतनी गर्मी…?
दरअसल इस बार गर्मी न सिर्फ मैदानी इलाकों में अपना प्रकोप दिखा रही है, बल्कि पहाड़ों में भी लू ने परेशान कर दिया है. दिन हो या रात, गर्मी से निजात नहीं मिल पा रही है. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और झारखंड सहित पूरे उत्तर भारत में तापमान 46 डिग्री से ऊपर चल रहा है. राजधानी दिल्ली का तापमान वैसे तो 46 डिग्री है लेकिन यह 50 डिग्री सेल्सियस जैसा महसूस हो रहा है.
जानिए कब मिल सकती है राहत?
मौसम विभाग के मुताबिक, इस सप्ताह गर्मी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है. मौसम विभाग ने बताया कि इस सप्ताह भीषण गर्मी से राहत की उम्मीद थी, लेकिन अरब सागर के माध्यम से हवाओं में बदलाव के कारण मैदानी इलाकों में ठंडक में देरी हुई है. विभाग ने कहा, “दूसरा कारण यह है कि मानसून 1 जून से पश्चिम बंगाल में रुका हुआ है. जब तक मानसून इन क्षेत्रों को कवर नहीं करेगा, उत्तर भारत लगातार गर्मी की चपेट में रहेगा.”
मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार के बाद एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिम भारत की ओर बढ़ेगा, जो राष्ट्रीय राजधानी को भी प्रभावित करेगा और भीषण गर्मी से राहत दिलाएगा. राष्ट्रीय राजधानी में छिटपुट बारिश और धूल भरी आंधी के कारण बुधवार को थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन इसका असर लंबे समय तक नहीं रहेगा.
जानिए क्यों हो रहा तापमान में बढ़ोत्तरी
इस साल गर्मी न सिर्फ भारत में बढ़ी है, बल्कि बढ़ते तापमान का असर दुनिया भर में देखने को मिल रहा है. गर्मी बढ़ने का अहम कारण ग्लोबल क्लाइमेट चेंज है. मौसम के जानकारों की मानें तो ये बस एक शुरुआत है, आने वाले सालों में तो और भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. दुनियाभर के वेदर पैटर्न में बदलाव हुआ है, अल नीनो भी इसका एक कारण है. अलनीनो की स्थिति में हवाएं उल्टी बहने लगी है, जिससे महासागर के पानी का तापमान भी बढ़ता जा रहा है, जो दुनिया के मौसम को प्रभावित कर रहा है. यही वजह है कि इससे तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
पहाड़ी इलाकों में जितना तेजी से पारा चढ़ रहा है, उससे ग्लेशियर के गलने की रफ्तार भी बढ़ रही है. जो भविष्य के लिए खतरनाक संकेत हैं.