Pakistan: पाकिस्तान में ईद-उल अजहा यानी बकरीद पर कुर्बानी देने के आरोप में 36 अहमदिया मुसलमानों को गिरफ्तार किया गया है. अहमदिया समुदाय के एक नेता ने इसकी जानकारी दी. बता दें कि पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के साथ भेदभाव होता है, उन्हें गैर मुस्लिम घोषित किया गया है. इसी के दृष्टिगत यह कार्रवाई की गई है.
अहमदियों के खिलाफ है सख्त कानून
जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान के पदाधिकारी आमिर महमूद ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि समुदाय के कम से कम 36 सदस्यों को अरेस्ट किया गया है, जिनमें से अधिकतर पंजाब प्रांत से हैं. बता दे कि, पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय को मुसलमान नहीं माना जाता है. अक्सर इस समुदाय के लोगों को हिंसा का सामना करना पड़ता है. इसके खिलाफ सख्त कानून है. अगर ये खुद को मुसलमान बताएंगे या उनके धर्म से जुड़ी चीजें करेंगे तो तीन साल तक की सजा होगी.
Eid mubarak to one and all but especially the Ahmadis of Pakistan who even on the morning of Eid are being targeted and for the simple fact of existing at this point. May Allah be a shield and protector over them all. pic.twitter.com/mQZqanx5w1
— Usman (@UsmanAhmad_iam) June 17, 2024
जानिए ऐसा क्यों हैं?
दरअसल अहमदिया समुदाय 1889 में भारत के पंजाब में शुरू हुआ था. इस समुदाय के मुताबिक मिर्जा गुलाम अहमद ने बीसवीं सदी की शुरुआत में इस्लाम के पुनरुत्थान का एक आंदोलन शुरू किया था. चलाया था. उनके अनुयायी खुद को अहमदिया मुसलमान मानते हैं. ये समुदाय मोहम्मद के बाद गुलाम अहमद को एक और पैगम्बर मानते हैं, जबकि इस्लाम में मोहम्मद खुदा के भेजे हुए आखिरी पैगम्बर माने जाते हैं. पाकिस्तानियों का मानना है कि अहमदिया समुदाय मोहम्मद साहब को आखिरी पैगंबर नहीं मानता और मोहम्मद साहब को आखिरी पैगंबर नहीं मानने वाला मुस्लिम नहीं है.
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