Seoul: हाल ही में उत्तर कोरिया के दौरे पर पहुंचे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने किम जोंग उन के साथ एक ऐतिहासिक समझौता किया, जिसके बाद अमेरिका और दक्षिण कोरिया समेत कई देशों की चिंता बढ़ गई है. वहीं इस डील से उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव चरम पर हैं. किम जोंग उन तो पहले से ही दक्षिण कोरिया से काफी नाराज हैं. इसी बीच दक्षिण कोरिया में पहुंचे अमेरिका के परमाणु ऊर्जा चालित विमानवाहक पोत ने पूर्वी एशिया की सभी खेमों में हलचल पैदा कर दी है.
त्रिपक्षीय अभ्यास के लिए पहुंचा अमेरिकी विमानवाहक पोत
जानकारी के अनुसार, अमेरिका का यह विमानवाहक पोत शनिवार को जापान के साथ त्रिपक्षीय अभ्यास के लिए दक्षिण कोरिया पहुंचा है. अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान मिलकर उत्तर कोरिया से लगातर मिल रही धमकियों के बीच यह सैन्य अभ्यास कर रहे हैं. दरअसल, उत्तर कोरिया और रूस के बीच हुए नई डील ने इन देशों की चिताएं बढ़ा दी हैं. वहीं अमेरिका द्वारा परमाणु ऊर्जा चालित विमानवाहक पोत को दक्षिण कोरिया भेजने से किम जोंग उन की टेंशन बढ़ना लाजमी है.
विमानवाहक पोत ‘यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट’ के बुसान पहुंचने से एक दिन पहले दक्षिण कोरिया ने मॉस्को को प्योंगपांग को सैन्य डील को रद्द करने की मांग की है. साथ ही रूसी राजदूत को वह इस मामले में तलब करके अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुका है. लेकिन रूस ने दक्षिण कोरिया की मांग को खारिज कर दिया है.
इस वजह से चल रहा संयुक्त सैन्य अभ्यास
बता दें कि दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान के रक्षा प्रमुखों ने इस महीने में शुरुआत में सिंगापुर में मुलाकात की थी. तीनों ने साथ मिलकर ‘फ्रीडम एड्ज’ अभ्यास की घोषणा की थी. हालांकि दक्षिण कोरिया ने फिलहाल इस अभ्यास के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी है. ‘कैरियर स्ट्राइक ग्रुप नाइन’ के कमांडर रियर एडमिरल क्रिस्टोफर अलेक्जेंडर ने कहा कि इस अभ्यास का मकसद जहाजों की सामरिक दक्षता को बढ़ाना और देशों की नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता को बेहतर करना है, ताकि किसी भी संकट से निपटने के लिए तैयार रहा जा सके.
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