End of the world: दुनिया का विनाश कैसे होगा, ये सवाल आम लोगों से लेकर दुनिया के सभी वैज्ञानिकों तक के मन में हमेशा ही बना रहता है, जिसे लेकर अक्सर तरह तरह के कयास भी लगाए जाते है. ऐसे में कोई परमाणु युद्ध को, तो कोई कोविड-19 जैसे खतरनाक वायरस को इसका जिम्मेदार मानता है. लेकिन एक साइंटिस्ट कुछ ऐसा दावा किया है जो इन दोनों से बिल्कुल ही अलग है.
फफूंद महामारी मिटा सकती है मानवता
माइक्रोबायोलॉजिस्ट का कहना है कि फफूंद से होने वाला महाविनाश धरती से इंसानों को मिटा सकता है. आणविक माइक्रोबायोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और संक्रामक रोगों के प्रोफेसर आर्टुरो कैसाडेवाल ने कहा कि लास्ट ऑफ अस सीरीज के जैसे नजारे कोई कल्पना नहीं थी. वहीं, पेड्रो पास्कल और बेला रामसे अभिनीत पोस्ट-एपोकैलिप्टिक टीवी सीरीज़ में दिखाया गया है कि यदि एक बड़े पैमाने पर फफूंद महामारी ने अधिकांश मानवता को मिटा दिया तो क्या हो सकता है.
इंशान बन सकता है राक्षस
आपको बता दें कि फफूंद वायरस को कॉर्डिसेप्स कहा जाता है. वहीं, इनसे प्रभावित लोग जॉम्बी जैसे जीवों में बदल जाते हैं, जिनके काटने, या उनके महीन बीज, इंसानों को संक्रमित करते हैं, जिससे वे राक्षस बन जाते हैं. वहीं, यूएसए में प्रतिष्ठित जॉन्स हॉपकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में काम करने वाले 67 वर्षीय प्रोफेसर कैसाडेवाल की माने तो फफूंद मानवता के लिए एक ‘वास्तविक खतरा’ है.
End of the world: वास्तव में देख चुके हैं….
दरअसल, पिछले महीने ही उनकी नई किताब ‘व्हाट इफ फंगी विन?’ प्रकाशित हुई है. इस किताब में फफूंद के कारण होने वाले महामारी की ‘बहुत वास्तविक संभावना’ पर प्रकाश डाली गई है. हालांकि उनका कहना है कि अभी हम किसी ऐसे फफूंद के बारे में नहीं जानते हैं जो किसी इंसान को जॉम्बी में बदल सकता है. लेकिन इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि हम बदलते समय के साथ साथ खतरनाक नए फंगल रोगजनकों को देख सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम वास्तव में इसे पहले ही होते हुए देख चुके हैं.
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