ओम बिरला के स्पीकर बनते ही सदन में हुआ जोरदार हंगामा! जानिए विपक्ष क्यों हुआ नाराज?

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Lok Sabha Speaker Om Birla: ओम बिरला एक बार फिर से लोकसभा अध्यक्ष चुने गए हैं. ध्वनि मत से उनको लोकसभा अध्यक्ष चुना गया. स्पीकर ओम बिरला ने आज अपने पहले ही संबोधन में सदन को आपातकाल की याद दिलाई. इस दौरान उन्होंने लोकसभा सदस्यों से ‘आपातकाल के काले दिनों’ की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए दो मिनट के मौन के लिए खड़े होने को भी कहा. जिस पर जमकर हंगामा शुरू हो गया. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला के इस भाषण की सराहना की है.

जानिए कैसे शुरू हुआ विवाद?

दरअसल, स्पीकर ओम बिरना ने अपने पहले ही भाषण में 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल को याद करते हुए उसकी कड़ी निंदा की. ओम बिरला ने कहा कि यह दिन भारत के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में हमेशा याद किया जाएगा. इस दौरान जब उन्होंने दो मिनट के मौन के लिए खड़े होने को सांसदों से बोला तो संसद में जमकर विरोध शुरू हो गया. इस दौरान इंडिया गठबंधन के सांसदों ने ‘तानाशाही बंद करो’ जैसे नारे भी लगाए.

पीएम मोदी ने की सराहना

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला के इस भाषण की सराहना की है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मुझे खुशी है कि माननीय अध्यक्ष ने आपातकाल की कड़ी निंदा की, उस दौरान हुई ज्यादतियों पर प्रकाश डाला और जिस तरह से लोकतंत्र का गला घोंटा गया उसका भी उल्लेख किया. उन दिनों के दौरान पीड़ित सभी लोगों के सम्मान में मौन खड़े रहना भी एक अद्भुत भाव था.”

उन्होंने आगे लिखा कि आपातकाल 50 साल पहले लगाया गया था लेकिन आज के युवाओं के लिए इसके बारे में जानना ज़रूरी है क्योंकि यह इस बात का एक उपयुक्त उदाहरण है कि जब संविधान को कुचल दिया जाता है, जनता की राय दबा दी जाती है और संस्थानों को नष्ट कर दिया जाता है तो क्या होता है. आपातकाल के दौरान हुई घटनाओं ने उदाहरण दिया कि तानाशाही कैसी होती है.

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