Chang E 6: जो अमेरिका न कर सका वो चीन ने कर दिखाया, चांद की मिट्टी पृथ्वी पर लाया, खुलेंगे कई रहस्य

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Chang E 6: चीन ने आज कुछ ऐसा कर दिखाया है जो दुनिया में अब तक कोई नहीं कर सका है. दरअसल, चीन चंद्रमा के सुदूर हिस्से का सैंपल लेकर धरती पर लौटा है. वैज्ञानिको के इंतजार को खत्‍म करते हुए चांग’ई-6 मंगलवार को इनर मंगोलिया के रेगिस्तान में उतरा.

दरअसल, चांद को वो भाग जो हमें पृथ्‍वी से दिखाई नहीं देता है, उसे सुदूर हिस्‍सा कहते है और चीन दुनिया के एक मात्र देश है, जिसने यहां पर लैडिंग की है.  यह चांद का वो इलाका है, जिसके बारे में काफी कम खोंजे हुई है. दरअसल, अपनी दूरी, विशाल गड्ढों और पृथ्‍वी से न दिखाने वाला भाग होने के कारण यहां पर जाना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. हालांकि चीन लगातार चंद्रमा से जुड़े मिशन को आगे बढ़ा रहा है.

जिनपिंग ने वैज्ञानिकों को दी बधाई

चीन के लिए चांग’ई-6 गर्व की बात है. चीन के इस चांद मिशन ने नासा का भी ध्यान अपनी ओर खींचा है. इस दौरान सरकारी मीडिया ने इनर मंगोलिया के रेगिस्तान में चांग’ई-6 कैप्सूल के गिरने के बाद चीनी झंडा फहराते हुए अधिकारियों को दिखाया है. इस कामयाबी के लिए चांग ई’-6 मिशन के कमांड सेंटर में मौजूद लोगों को चीनी राष्ट्रपति शीं जिनपिंग ने बधाई दी. उन्‍होंने कहा कि वे गहरे अंतरिक्ष की खोज जारी रख सकते है और ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने में नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं.

इस खोज से मानवता को मिलेगा लाभ

शीं जिनपिंग का मानना है कि इस खोज से मानवता को लाभ मिलेगा और देश आगे बढ़ेगा. आपको बता दें कि मई महीने के शुरुआत में ही चांग’ई-6 चांद के लिए रवाना हुआ था. कुछ सप्ताह बाद वह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब एक क्रेटर में सफलतापूर्वक उतरा. वहीं, कुल मिलकार ये मिशन 53 दिनों तक चला.

Chang E 6: सैंपल से क्या मिलेगा?

चीनी मीडिया के अनुसार, कैप्सूल को बीजिंग भेजा जाएगा और नमूने वहां निकलेंगे. स्कॉटलैंड की खगोलशास्त्री कैथरीन हेमैन्स ने कहा है कि इस सैंपल के जरिए यह जानने में मदद करेगा कि आखिरकार 4.5 अरब साल पहले चंद्रमा का निर्माण कैसे हुआ, क्या इसका कारण पृथ्वी के साथ टक्कर थी? इसके साथ ही शोधकर्ताओं को चंद्रमा के केंद्र की संरचना समझने में मदद मिलेगी.

चांग’ई-6 चीन का छठा मिशन

बता दें कि चांग’ई-6 चीन का छठा जबकि सुदूर क्षेत्र में उतरने का यह उसका दूसरा मिशन है. चीन के अंतरिक्ष यान ने एक रोबोटिक बांह के माध्‍यम से चांद की मिट्टी और चट्टानों को भरा. हालांकि इस सतह की कुछ और भी तस्वीरें भी ली गई है और एक चीनी झंडा भी लगाया गया है.

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