IMF On USCIRF Report On India: अमेरिकी विदेश विभाग (US State Department) की वार्षिक धार्मिक आजादी रिपोर्ट में भारत को अफगानिस्तान, चीन और उत्तर कोरिया के साथ रखे जाने की इंडियन माइनॉरिटी फाउंडेशन (Indian Minority Foundation) ने कड़ी निंदा की. रिपोर्ट की निंदा करते हुए इंडियन माइनॉरिटी फाउंडेशन ने कहा, USCIRF दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत विरोधी पूर्वाग्रह से ग्रसित है. यहां तक कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है. इसे चीन-उत्तर कोरिया न समझें. फाउंडेशन ने आगे कहा, यह गलत चित्रण USCIRF की विश्वसनीयता और हमारे देश की धार्मिक आजादी की समझ को कमजोर करता है.
इंडियन माइनॉरिटी फाउंडेशन ने कहा, फाउंडेशन अमेरिका की USCIRF की अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट की कड़ी निंदा करता है. USCIRF की ओर से भारत को अफगानिस्तान, क्यूबा, उत्तर कोरिया, रूस और चीन जैसे सत्तावादी शासनों के साथ रखने का प्रयास देश के लोकतांत्रिक ढांचे, जीवंत नागरिक समाज और बहुलवादी इतिहास की अनदेखी करता है. यह गलत चित्रण यूएससीआईआरएफ विश्वसनीयता और उसकी भारत के धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में समझ को कमजोर करता है. इंडियन माइनॉरिटी फाउंडेशन ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक लंबे पोस्ट में कहा, हम अमेरिकी संस्था के इन प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं.
IMF strongly condemns the USCIRF'S International Religious freedom report. USCIRF's efforts to label India alongside authoritarian regimes like Afghanistan, Cuba, North Korea, Russia, and China overlook India's democratic framework, vibrant civil society, and pluralistic history.… pic.twitter.com/jHYGY6lPqp
— Indian Minorities Foundation (@Minoritiesfdn) June 27, 2024
फाउंडेशन ने रिपोर्ट की आलोचना करते हुए कहा, यह भारत विरोधी पूर्वाग्रह से ग्रसित है. USCIRF बार-बार भारत को “विशेष चिंता का देश” के रूप में नामित करने का प्रयास करता रहा है. अमेरिकी विदेश विभाग इसका समर्थन नहीं करता, इसके बावजूद वे बार-बार ये कुत्सित कोशिश करते हैं. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के पास न केवल एक मजबूत संवैधानिक ढांचा है, बल्कि एक जीवंत नागरिक समाज भी है. हमारा बहुलवाद का एक लंबा इतिहास है.
इंडियन माइनॉरिटी फाउंडेशन ने आगे कहा कि अमेरिका को पहले अपने यहां झांकना चाहिए. उसके यहां इस तरह के घृणित कृत्य होते रहते हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें हिंसा का महिमामंडन किया गया है. हत्याओं का जश्न मनाया गया है. भारत में हुई कुछ छिटपुट घटनाओं का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है. हर चीज का संबंध कानूनी है और उसे कानूनी तरीके से ही भारत हल करता है.
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