Nepal Bad Weather: नेपाल में पिछले दिनों से मौसम काफी खराब है. मौसम के खराब होने के कारण रोजमर्रा की जिंदगी काफी प्रभावित हो गई है. दक्षिण पश्चिमी मानसून के आने के बाद मौसम और खराब हो गया है. इस कारण अब तक नेपाल में कम से कम 28 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, देश में भूस्खलन और आकाशीय बिजली के गिरने से लोगों का जीवन बुरी तरीके से प्रभावित हुआ है.
दरअसल, नेपाल में विगत 20 जून को मानसून ने दस्तक दे दी थी. मानसून के आने के बाद से ही देश में कई प्राकृतिक आपदाएं देखने को मिल रही हैं. बुधवार को नेपाल के विभिन्न जिलों में भूस्खलन, बाढ़ और बिजली गिरने के कारण 44 घटनाओं की जानकारी सामने आई है.
जलवायु परिवर्तन से बढ़ी आपदाएं
नेपाल की भौगोलिक स्थिति पर नजर डालें तो यह देश हिमालयी क्षेत्र, मध्य पर्वतीय क्षेत्र और तराई में फैला हुआ है. हिमालय पर्वतमाला में अनेक छोटी और बड़ी नदियां बहती हैं. नेपाल में पिछले कुछ सालों में हुए जलवायु परिवर्तन के कारण मौसमी संबंधी घटनाओं में वृद्धि हो रही है. नेपाल के गृहमंत्रालय द्वारा मिली जानकारी के अनुसार नेपाल के विभिन्न जिलों में हुए भूस्खलन के कारण 8 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. वहीं, मोरंग जिले में बाढ़ से एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य लापता हो गया.
भूस्खलन से हाल बेहाल
नेपाल में पिछले दिनों से हो रहे भूस्खलन के कारण 30 घर पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. अधिकारियों के अनुसार झापा और कैलाली जिलों में बिजली की चपेट में आने से दो-दो लोगों समेत 11 जिलों में 13 लोगों की मौत हो गई. आपदा को लेकर अधिकारियों ने बताया कि ओखलधुंगा जिले में भूस्खलन की घटनाओं में घायल हुए दो लोगों को बुधवार को हेलीकॉप्टर से काठमांडू ले जाया गया और एक निजी अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है. आपदाग्रस्त क्षेत्रों में लगातार राहत और बचाव का कार्य किया जा रहा है.
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