Japan Automatic Road: चाहे कोई भी देश कितना भी विकसित क्यों ना हो जाए. लेकिन तकनीक के मामले में आज भी जापान को कोई पीछे नहीं कर सकता है. जापान में आए दिन ऐसे अविष्कार होते हैं, जिसे जानकर हर कोई हैरान रह जाएगा. ऐसा हम इसलिए भी कह रहे हैं, क्योंकि जापान अब स्वचालित सड़क बनाने जा रहा है.
अपने आप दिन रात चलेगी सड़क
दरअसल, अब तक आपने एक्सलेटर तो खूब देखे होंगे, जो अपने आप मूव करते रहते हैं. लेकिन जापान अब 310 किमी लंबी स्वचालित सड़क बनाने जा रहा है. यह सड़क एस्कलेटर की तरह अपने आप तेज स्पीड में चलेगी. इसका इस्तेमाल उत्पादों को एक जगह से दूसरी जगह भेजने में किया जाएगा. खास बात यह है कि यह सड़क दिन-रात अपने आप काम करेगी.
जानिए सड़क की खासियत
द शंघाई पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जापान सरकार इस योजना पर तेजी से विचार कर रहा है. यह स्वचालित सड़क पूरे जापान में सुगम कार्गो की परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करेगी. इस सड़क के निर्धारित हिस्से में कार्गो यानी माल को रखने की जगह होगी, जहां पर एक टन तक कार्गो रख सकते हैं. बताया जा रहा है कि यह स्वचालित सड़क बनने के बाद रोजाना 25,000 ड्राइवरों को नौकरी से बाहर कर देगी.
जापान के परिवहन मंत्री टेटसुओ सैटो ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह स्वचालित सड़क राजमार्गों के नीचे, जमीनी पटरियों पर, मोटरमार्गों आदि पर बनाई जाएगी. इस कन्वेयर बेल्ट के दोनों ओर विशेष घेरा बनाया जाएगा, जिससे कोई इंसान या जानवर उससे टकरा न सके. इसके साथ ही उसके संचालन के लिए बीच-बीच में कई कंट्रोल रूम भी स्थापित किए जाएंगे. इस स्वचालित सड़क के माध्यम से राजधानी टोक्यो को ओसाका शहर से जोड़ा जाएगा.
जानिए कैसे करेगा काम?
नोमुरा रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक, यह कन्वेयर बेल्ट (Conveyor Belt) दिन-रात 24 घंटे काम करेगी. इस सड़क पर माल से भरे कंटेनर रख दिए जाया करेंगे और वे कंटेनर अपने आप चलते हुए निर्धारित जगह पर पहुंच जाएंगे.
जानिए क्यों पड़ी जरुरत?
जापान का पारंपरिक माल परिवहन वर्ष 2020 में 1.43 बिलियन टन था, जिसे वर्ष 2030 में घटकर 1.4 बिलियन टन रह जाने की आशंका है. ऐसे हालात में जापान को एक ऐसी स्वचालित सड़क की जरूरत है. क्योंकि जापान की जनसंख्या तेजी से बूढ़ी होती जा रही है, जिसके चलते पूरे देश में ट्रेंड ड्राइवरों को कमी होती जा रही है, जो मालवाहक ट्रकों को चला सकें. वहीं, अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए जापान को अपना निर्यात बढ़ाने की जरूरत है. लेकिन ट्रांसपोर्टेशन की दिक्कत के चलते इसमें परेशानी आ रही है.