USA Independence Day 2024: एक वक्त ऐसा भी था की दुनिया में सबसे ताकतवर माना जाने वाला देश अमेरिका भी गुलाम था. दुनिया के कई देशों की तरह अमेरिका पर भी ब्रिटेन ने लंबे समय तक राज किया. वहीं, अमेरिका को 4 जुलाई 1776 के दिन आजादी मिली थी. इसलिए हर साल 4 जुलाई को अमेरिका अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है. इसी के साथ ही संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थापना हुई. वहीं, इस बार 4 जुलाई 2024 को अमेरिका 248 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है.
दरअसल, भारत और अन्य देशों की तरह ही ब्रिटेन ने अमेरिका को भी लंबे समय तक गुलाम बनाकर रखा था. कहा जाता है कि ब्रिटेन ने दुनिया के करीब 80 देशों और आइलैंड पर शासन किया है. ब्रिटिश साम्राज्य में दुनिया के लगभग 26 फीसदी इलाके इसके अधीन थे, जिसमें अमेरिका भी शामिल था.
कैसे हुआ अमेरिका गुलाम
कहा जाता है कि क्रिस्टोफर कोलंबस जब यूरोप से भारत आने के लिए निकला था, तो वह गलती से अमेरिका पहुंच गया. जिसके बाद उसने अपने लोगों को नए द्वीप के बारे में बताया था. इसके बाद ब्रिटिश लोग ज्यादा तादाद में उस आइलैंड पर पहुंचकर, अमेरिका पर कब्जा कर लिया था. भारत की तरह ही अमेरिका पर भी ब्रिटिश के लोगों ने अत्याचार किया. जिससे ब्रिटिश ऑफिसर्स और अमेरिकियों के बीच टकराव पैदा होने लगा था.
USA Independence Day: कैसे मिली आजादी
बता दें कि 4 जुलाई, 1776 को 13 ब्रिटिश कालोनियों के प्रतिनिधियों ने स्वतंत्रता की घोषणा को अपनाया था. यह थॉमस जेफरसन द्वारा अपनाया गया एक ऐतिहासिक दस्तावेज था. 4 जुलाई को ही 13 कॉलोनियों के अमेरिकी उपनिवेशों ने डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस पर हस्ताक्षर कर खुद को ब्रिटिश शासन से आजाद घोषित कर दिया और तभी से लेकर आज तक हर साल 4 जुलाई को अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है.
आजादी के लिए वोटिंग
भले ही अमेरिकी उपनिवेशों ब्रिटेन से आजादी 4 जुलाई 1776 को मिली लेकिन इसकी प्रक्रिया 2 जुलाई 1776 को ही उस वक्त शुरू हो गई जब कॉन्टिनेंटर कांग्रेस ने स्वतंत्रता की घोषणा के लिए गुप्त मतदान किया था. जबकि पंरिस संधि के मुताबिक, अमेरिका की आजादी लड़ाई 1783 ई. को खत्म हुई थी.
हजारों लोगों की गई जान
बता दें कि अमेरिका में आजादी के लड़ाई में लाखों लोगों ने जान गवाई थी. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस दौरान सक्रिय सैन्य सेवा के बीच 25,000 से 70,000 अमेरिकी देशभक्तों की मृत्यु हो गई थी, इनमें से लगभग 6,800 लोग युद्ध में मारे गए थे, जबकि कम से कम 17,000 लोग बीमारी से मरे थे.
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