6 दशकों से जल रहा है ये शहर, हवा में घुल चुका है जानलेवा धुआं; लोग इसे कहते हैं भूतों का शहर

Abhinav Tripathi
Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Ajab Gajab News: विश्व के कई देश हैं जो भीषण प्राकृतिक आपदा या फिर मानवीय आपदा से जूझ रहे हैं. वहीं, एक ऐसा भी शहर है जिसको लेकर दावा किया जाता है कि वह पिछले 6 दशक यानी 60 साल से अधिक समय से लगातार जल रहा है. आलम यह है कि अब इस शहर में कोई नहीं रहता है. इस शहर तक जाने वाली सड़कों पर मिट्टी के ढेर डाल दिए गए जिससे यहां टूरिस्ट न जा सकें. यहां के पोस्टल ज़िप कोड को भी खत्म कर दिया गया, आग बुझाने की काफी कोशिशें की गईं, मगर सारी कोशिशें नाकाम साबित हुईं. आइए आपको इस शहर के बारे में बताते हैं. और यह भी जानिए कि यह शहर विश्व के किस देश में है…?

60 साल से जल रहा है यह शहर

दरअसल, हम बात कर रहे हैं अमेरिका के पेंसिलवेनिया में स्थित सेंट्रेलिया नामक एक शहर की. बताया जाता है कि 1962 गर्मियों में इस शहर के जलने की शुरुआत हुई थी. अमेरिका में अपने दिवंगत सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए मई के आखिरी सोमवार को मेमोरियल डे मनाया जाता है. इस खास दिन को 1962 में मई के महीने में मनाने की तैयारी थी. इस शहर में होने वाले मेमोरियल डे से ठीक एक दिन पहले शहर के सारे कचरे को एक बड़े लैंडफिल, यानी कचरे के लिए बने गड्ढे में डालकर जला दिया जाता था. इस साल भी यही किया जाना था. हालांकि, एक कचरे के ढेर को जलाने के दौरान आग जमीन के अंदर कोयले के खदान तक पहुंच गई.

एक चूक पड़ी भारी

जैसे ही तय कार्यक्रम के अनुसार कचरे में आग लगाई गई, उस दौरान बड़ी चूक हो गई. दरअसल, आग लगाने के बाद यह आग नीचे मौजूद कोयले की खदान में फैल गई. बता दें कि सेंट्रेलिया शहर बहुत बड़े कोयले की खदान पर बना है. इस शहर में जमीन के अंदर यह खदाने करीब 700 फीट की गहराई तक जाती हैं और हजारों एकड़ में फैली हैं. शहर के एक इलाके में आग लगने के बाद खदानों में आग बढ़ते गई. देखते ही देखते आग ने खदान के कई बड़े हिस्से को कवर कर लिया.

विदेशी मीडिया के अनुसार ये आग 27 मई 1962 की रात लगाई गई थी. शुरू में तो आग बुझ गई. पर 2 दिन बाद दोबारा कूड़े वाली जगह पर आग जलती नजर आई. बाद में इस आग के कारण पूरे शहर में धीरे-धीरे कार्बन मोनोऑक्साइड गैस हवा में फैलने लगी. यह गैस बेहद जानलेवा मानी जाती है. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

नहीं बुझाई सकी आग

बताया जाता है कि जिस खदान में आग लगी थी वह सुस्क्वेहैना कोल कंपनी की थी. इस कंपनी ने सरकार के साथ मिलकर आग बुझाने की कोशिश की. सबसे पहले गड्ढे खोदने का काम किया गया. इसका मकसद था कि आग ऊपर आ सके. पर इसके लिए बहुत ज्यादा खुदाई करनी पड़ती और उतना फंड था नहीं. बाद में प्लान बनाया गया कि पानी और छोटे पत्थरों को मिलाकर खदान के गड्ढों को भरने का काम किया जा सके. लेकिन जमीन के अंदर काफी कम तापमान होने के कारण पानी जमने लगा. 1983 तक पेंसिलवेनिया प्रशासन ने 58 करोड़ रुपये आग बुझाने के काम में खर्च कर दिए थे, पर उन्हें सफलता नहीं मिली. वहीं, आज भी इस शहर से जहरीला धुंआ निकलता है.

सैकड़ों सालों तक निकलेगा धुंआ

गौरतलब है कि धुंआ के निकलने के कारण लोग घरों में ही बेहोश होने लगे. वहीं, आस पास के पेड़ पौधे सूखने लगे. जहरीले धुंए के कारण जानवर भी मरने लगे. वर्ष 1980 तक इस शहर की आबादी 1000 तक हो गई थी. हालांकि इस धुंए के कारण फेडरल सरकार ने 350 करोड़ रुपये देकर सेंट्रेलिया को खरीद लिया और उसके बाद वहां से लोगों को हटाने और इमारतों को गिराने का काम शुरू किया. यहां से कई लोग अपना घर छोड़कर जाना नहीं चाहते थे. इसके बाद उन्होंने कानूनी लड़ाई भी शुरू कर दी. 1993 तक वहां पर 63 लोग बचे थे. जबकि 2013 तक 10 से भी कम लोग रह गए थे. अब शहर पूरी तरह सुनसान हो चुका है. वैज्ञानिकों का मानना है कि शहर के नीचे इतना कोयला है कि वह अगले 250 सालों तक जलता रहेगा.

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