नेपाल में बारिश ने मचाई तबाही, 11 लोगों की मौत 8 लापता; भूस्खलन से हालात और बिगड़े

Abhinav Tripathi
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Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Heavy rainfall in Nepal: नेपाल में इस समय भारी बारिश हो रही है. इस बारिश ने लोगों का दैनिक जीवन पूरी तरीके से प्रभावित कर दिया है. बीते 36 घंटों में मूसलाधार बारिश के कारण कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है. लगातार बारिश के कारण हाहाकार मचा है. नेपाल की लगभग सभी नदियां उफान पर हैं. बारिश के कारण 8 लोग लापता भी हो गए हैं. बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ का कहर जारी है. अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ और भूस्खलन के कारण प्रमुख राजमार्ग और सड़कें अवरुद्ध हैं.

बारिश के बाद कई लोग लापता

नेपाल में पिछले कुछ समय से बारिश का कहर देखने को मिल रहा है. नेपाल के पुलिस प्रवक्ता दान बहादुर कार्की ने कहा कि इस बारिश और बाढ़ के कारण 8 लोग लापता हैं. अनुमान जताया जा रहा है कि या तो यह लोग बाढ़ में बह गए हैं या फिर भूस्खलन में दब गए हैं. वहीं, इस बारिश के कारण 12 अन्य घायल हो गए और अस्पतालों में उनका इलाज किया जा रहा है.

नेपाल के पुलिस प्रवक्ता दान बहादुर कार्की द्वारा जारी बयान के अनुसार बचाव कर्मी भूस्खलन के बाद मलबे को हटाने और सड़कों को खोलने की कोशिश कर रहे हैं. मलबे को हटाने के लिए भारी उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है. नेपाल के एक जिलाधाकारी का कहना है कि दक्षिणपूर्वी नेपाल में कोशी नदी खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है. इस नदी के उफान पर होने से भारत के पूर्वी राज्य बिहार में घातक बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है.

कोसी का कहर

नेपाल के सुनसारी जिले के अधिकारी का कहना है कि कोसी का प्रवाह बढ़ रहा है और हमने निवासियों को संभावित बाढ़ के बारे में सतर्क रहने के लिए कहा है. लेटेस्ट अपडेट के अनुसार सुबह 09.00 बजे (03:15 बजे GMT) कोसी नदी में जल प्रवाह 369,000 क्यूसेक प्रति सेकंड था, जो इसके सामान्य प्रवाह 150,000 क्यूसेक के दोगुने से भी अधिक है.

पानी निकालने का काम जारी

गौरतलब है कि पानी निकालने के लिए कौशी के सभी बैराज खोल दिया गया है. इसमें 56 स्लुइस गेट खोल दिए गए हैं. हालांकि, आम दिनों में यह गेट लगभग 10-12 होते थे. अधिकारियों के अनुसार पश्चिम में नारायणी, राप्ती और महाकाली नदियों का प्रवाह भी बढ़ रहा है. वहीं, काठमांडू में नदियां अपने उफान पर बह रही हैं. सड़क तक पानी बर गया है. कई आवासीय इलाके भी जलमग्न हो गए हैं.

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