RBI News: बैंकिंग सेक्टर की वित्तीय स्थिति को लेकर रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जानकीरमन ने अपनी बात रखी. जानकीरमन ने कहा, बैंकिंग सेक्टर वित्तीय मापदंडों के मामले में दशक के उच्चतम स्तर पर है. बैंकिंग सेक्टर की यह अच्छी स्थिति भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को समर्थन देने के लिए पूरी तरह तैयार है.
ऑडिटिंग प्रॉसेस को बेहतर बनाने के लिए रिजर्व बैंक ने शुरू की कई पहल
डिप्टी गवर्नर ने आगे कहा कि रिजर्व बैंक ने ऑडिटिंग प्रॉसेस को बेहतर बनाने के लिए कई पहल शुरू की हैं. इनमें सुपरवाइजरी टीम और ऑडिटर्स के बीच स्ट्रक्चर मीटिंग मैकेनिज्म को शामिल किया गया है. इसके अलावा, इनमें एक्सेप्शन रिपोर्टिंग, ऑडिटर्स के ऑपइंटमेंट प्रॉसेस को सुव्यवस्थित करना और ऑडिटर्स की स्वतंत्रता को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा उपाय शामिल हैं.
ऑडिट प्रक्रियाओं में लागू करनी चाहिए कठोरता- स्वामीनाथन जानकीरमन
डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जानकीरमन ने कहा, “ऑडिटरों को वैधानिक और विनियामक आवश्यकताओं के गैर-अनुपालन की किसी भी संभावना को कम करने के लिए अपनी ऑडिट प्रॉसेस में उचित कठोरता लागू करनी चाहिए. इसके अलावा, ऑडिटर की भूमिका का एक महत्वपूर्ण पहलू वित्तीय रिपोर्टिंग पर इंटरनल फाइनेंशियल कंट्रोल का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करना है.
मजबूत वित्तीय निगरानी में ऑडिटर्स की हो भूमिका- डिप्टी गवर्नर
डिप्टी गवर्नर ने आगे कहा, मजबूत वित्तीय निगरानी और विनियामक अनुपालन सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए ऑडिटर्स से कुछ उम्मीदें भी रखीं. उन्होंने कहा, वे बैंक प्रबंधन और आरबीआई दोनों को प्रारंभिक कमजोरियों की पहचान करने और तुरंत रिपोर्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने कहा कि “मैं यह उल्लेख करना चाहूंगा कि आज बैंकिंग क्षेत्र उन सभी वित्तीय मापदंडों के संदर्भ में दशक के उच्चतम स्तर पर है, जिनकी हम निगरानी करते हैं, और यह क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास का समर्थन करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है. लेकिन यह सुनिश्चित करना हमारी साझा जिम्मेदारी है कि यह वर्षों तक टिकाऊ रहे.
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