Maldives-China Relations: चीन ने मालदीव में घुसपैठ इतना मजबूत कर लिया है कि देश के विकास के लिए मोहम्मद मुइज्जू को चीन के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है. दरअसल, इन दिनों मालदीव से आई एक तस्वीर की खूब चर्चा हो रही है, तस्वीर में राष्ट्रपति मुइज्जू चीनी राजदूत वांग लिक्सिन के साथ बात करते हुए नजर आ रहे है. हालांकि इस दौरान मोहम्मद मुइज्जू की बॉडी लैंग्वेज को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं, लोगों का कहना है कि मुइज्जू किसी मजबूर व्यक्ति की तरह नजर आ रहे हैं.
वहीं, पिछले साल मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से मालदीव पूरी तरह से चीन के नियंत्रण में चला गया है. ऐसे में मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय के मुताबिक, बुधवार को मोहम्मद मुइज्जू ने चीनी राजदूत वांग लिक्सिन से मुलाकात कर दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने को लेकर चर्चा की. साथ ही पहले के किए गए कई समझौतों को लागू करने को लेकर चीनी राजदूत से बात हुई है.
चीन ने सहयोग का दिया आश्वासन
राष्ट्रपति कार्यालय के मुताबिक, चीन के साथ हुए समझौतों को शुरू करने के साथ ही उनमें तेजी लाने के तरीकों पर चीनी राजदूत से चर्चा हुई है. हालांकि, मुइज्जू की चीन के साथ हुए समझौतों को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है. बताया जा रहा है कि इस दौरान चीनी राजदूत ने मालदीव की वर्तमान की आवश्यक्ताओं को पूरा करने में मदद का आश्वासन दिया है, साथ ही मालदीव के पर्यटन में भी बढ़ावा देने की बात कही है.
चीन के इशारे पर मालदीव की विदेश नीति
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय मालदीव की विदेश नीति चीन में तय होती है. यानी मोहम्मद मुइज्जू पूरी तरह से चीन के इशारे पर चल रहे है, शायद यहीं वजह है कि सबसे बड़े सहयोगी देश के भारत के खिलाफ भी मुइज्जू कोई भी निर्णय लेने में देरी नहीं करता है. वहीं, भारत के विरोध के बाद भी चीन के जासूसी जहाज भारत के करीब मालदीव में डेरा डाले हुए हैं.
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