Uttarakhand: उत्तराखंड की सरकार चीन सीमा के पास पिथौरागढ़ स्थित गुंजी गांव को शिवधाम बनाएगी, जिसके लिए पूरा खाका तैयार कर लिया गया है. बता दें कि केंद्र सरकार ने सीमावर्ती गावों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज स्कीम शुरू किया था, जिसमें गुंजी गांव भी शामिल है. दरअसल पिथौरागढ़ से चीन सीमा के पास 18 हजार फीट की ऊंचाई से पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन पूरी तरह संभव है.
धार्मिक पर्यटन स्थलों में सबसे आगे होगा गुंजी
पिथौरागढ़ स्थित गुंजी गांव पूरे देश में मशहूर हो रहा है. इसके पीछे का कारण यहां मौजूद पवित्र आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा है, जिसका यह पहाड़ी गांव एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. इस बार आदि कैलाश यात्रा में रिकॉर्ड तोड़ टूरिस्ट पहुंचे हैं. कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन मात्र 2 महीने में ही 20, 000 के अधिक टूरिस्ट कर चुके हैं. धार्मिक पर्यटन में सबसे अहम माने वाले गुंजी में शिवधाम बन जाने के बाद यहां आने वाले यात्रियों को विशेष सुविधाएं तो मिलेंगी ही, साथ ही यह जगह उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन स्थलों में सबसे आगे हो जाएगा.
केंद्र से मिली मदद
पीएम मोदी के आदि कैलाश आने के बाद कैलाश मानसरोवर, आदि कैलाश और ओम पर्वत के प्रवेश द्वार गुंजी को विकसित करने की तैयारी ने गति पकड़ ली है. भारत सरकार ने गुंजी को शिवधाम के रूप में बनाने के लिए 23 करोड़ रुपये दिए हैं. यहां शिवपुराण ऑडिटोरियम बनने वाला है, जो आध्यात्म का खास केंद्र होगा.
पर्यटन अधिकारी ने कहा…
जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति आर्य के मुताबिक, पर्यटन विभाग ने मास्टर प्लान तैयार करने के लिए केंद्र को 70 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था, जिसके सापेक्ष प्रथम चरण में 23 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, अब जल्द ही गुंजी में निर्माण कार्य शुरू होगा. बता दें कि पर्यटन विभाग शिव धाम को बनवाएगा जिसमें भारतीय सेना भी मदद करेगी.
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