Science News: आज तक सभी को यही पता है कि पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है, जिसके कारण ही दिन और रात होता है. लेकिन अमेरिकी वैज्ञानिकों का कहना है कि उनके नजरिए से देंखा जाए तो वास्तव में पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा नहीं करती है. हालांकि ऐसा क्यों कहा गया है और यह कितना सच है, इस बात को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने विस्तार से समझाया है. तो चलिए जानते है.
नासा ने कहा है कि यदि सौरमंडल में पृथ्वी की मौजूदा गति को समझने की कोशिश की जाती है, तो पाया जाएगा कि इस वक्त पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा नहीं कर रही है. क्योंकि हमारे सौरमंडल में सूर्य सबसे बड़ा पिंड है, जिसका भार बृहस्पति ग्रह से 1,048 गुना अधिक है. वहीं, कुछ वैज्ञानिको का मानना है कि किसी खोगलीय वस्तु पर पृथ्वी के लगने वाले गुरुत्व बल का खिंचाव समान या कम होता है.
बैरीसेंटर के चारों ओर घूमती है पृथ्वी
नासा ने बताया कि केप्लर के तीसरे नियम के अनुसार, एक दूसरे के चारों तरफ घूमने वाली दो वस्तुओं के भार और कक्षा के बीच संबंध है. इसी प्रकार उक बड़े तारे की कक्षा में एक छोटा तारा एक बड़े तारे की परिक्रमा रहा हो. वास्तव में दोनों तारे भार के एक सामान्य केंद्र के चारों तरफ घूमते हैं. (इसे ही बैरीसेंटर कहा जाता है.) यह सच है चाहे सभी वस्तु का आकार या भार कुछ भी हो. इसी प्रकार पृथ्वी एक बैरीसेंटर के चारों ओर घूमती है. न कि सूर्य की परिक्रमा करती है.
सूर्य के नजदीक पिंडों का बैरीसेंटर
आमतौर पर सौरमंडल में सूर्य के नजदीक पिंडों का बैरीसेंटर होता है. तो वहीं खुद के भार और गुरु और शनि जैसे बड़े ग्रहों और कक्षाओं के प्रभाव के कारण यह शायद ही कभी सूर्य के अंदर होता है. यही वजह है कि वर्तमान समय में सूर्य के भीतर बैरीसेंटर नहीं है, बल्कि बाहर है.
इसी कड़ी में ग्रहीय खगोलशास्त्री और विज्ञान संचारक जेम्स ओ डोनोग्यू ने बताया कि ग्रह सामान्य शब्दों में तो सूर्य की ही परिक्रमा करते हैं, लेकिन तकनीकी तौर पर भारी गुरु ग्रह के प्रभाव के चलते ग्रहों को अंतरिक्ष में एक नए बिंदु का चक्कर लगाना चाहिए. केवल इसी बात को वैज्ञानिकों की ओर से सटीक और वास्तविक तौर पर समझाने की कोशिश की जा रही है.
इसे भी पढ़ें:-Mysterious Island: इस द्वीप पर जिंदा जला दिए गए लाखों लोग, आईलैंड का रहस्य जानने गए इंसान भी नहीं आए वापस