Blood Pressure in Monsoon : जब भी मौसम बदला है उसका सीधा असर सेहत पर भी देखने को मिलता है. वहीं बारिश के मौसम एक ओर जहां हरियाली लेकर आता है तो दूसरी ओर बीमारी का भी खतरा बढ़ जाता है. मानसून के दौरान वातावरण में नमी के चलते ब्लड प्रेशर में भी परिवर्तन आता है. दरअसल, रक्तचाप को कंट्रोल करने के लिए हमारे शरीर में कई तंत्र काम करते हैं. इन तंत्रों पर मौसम, तापमान, नमी और वायुमंडलीय दबाव का असर पड़ता है. कई रिसर्च के मुताबिक, मौसम में बदलाव का असर दिल की सेहत पर भी होता है. इसलिए इसका खास ख्याल रखना बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं बारिश के मौसम में ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए क्या करना चाहिए…
बीपी पर बारिश के मौसम का असर
हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि वर्षा ऋतु में ह्यूमिडिटी मतलब नमी बढ़ जाती है, तापमान भी तेजी से कम ज्यादा होता है. ऐसे में हाई टेंपरेचर वासोडिलेशन की वजह भी बन सकता है. जिसके चलते ब्लड प्रेशर में कमी भी हो सकती है. वहीं, तापमान में बढ़ी नमी डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण ब्लड प्रेशर रेगुलेशन प्रभावित हो सकता है. हार्ट की समस्सा से परेशान लोगों को ज्यादा परेशानी हो सकती हैं.
मानसून में क्यों बदलता है ब्लड प्रेशर
फिजिकल एक्टिविटीज और आहार
जब बरसात का मौसम आता है तो फिजिकल एक्टिविटीज और खानपान की आदतें बदल जाती है. भारी बारिश या कम तापमान के चलते फिजिकल एक्टिविटी कम होने से दिल की सेहत पर प्रभाव पड़ सकता है. डाइट बदलने से भी ब्लड प्रेशर प्रभावित हो सकता है.
कमजोरी में ज्यादा खतरा
बरसात में ब्लड प्रेशर में काफी ज्यादा परिवर्तन होता है. इस मौसम में कमजोर लोगों को सतर्क रहने की जरूरत होती है. बुजुर्गों में हार्ट की समस्याओं का खतरा ज्यादा हो सकता है. साथ ही हाई ब्लड प्रेशर या हार्ट पेशेंट को बारिश के मौसम में ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है.
डायबिटीज मरीज
तापमान और नमी में उतार-चढ़ाव होने से डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन होता है. इसके वजह से डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरा ज्यादा रहता है. ऐसे लोगों को भी अपने आहार और एक्टिविटीज को लेकर सावधान रहने की जरूरत है.
बारिश के समय बीपी कंट्रोल करने के लिए क्या करें
- नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की निगरानी रखें.
- पानी पीने में बिल्कुल भी कमी न करें. पर्याप्त पानी पीएं.
- हेल्दी लाइफस्टाइल और संतुलित आहार ले.
- किसी तरह की बीमारी या समस्या होने पर डॉक्टर के पास जाएं.
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